
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने के एलान से अमेरिकी बाज़ार में महंगाई की आशंका गहरा गई है। ट्रंप ने ब्रिक्स देशों सहित कई देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर 10% से लेकर 100% तक शुल्क बढ़ाने की बात कही है, जिससे दवाओं, गहनों, कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य पदार्थों सहित कई घरेलू सामानों के दाम बढ़ सकते हैं।
ट्रंप का तर्क और रिटेल कंपनियों की चिंता: ट्रंप का मानना है कि इससे अमेरिका में उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि, रिटेल कंपनियों का कहना है कि बढ़ा हुआ शुल्क ग्राहकों पर बोझ डालेगा। नेशनल रिटेल फेडरेशन एंड कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ने इस फैसले पर चिंता जताई है।

सर्वे में अमेरिकी लोगों की राय: एक सर्वे के अनुसार, 67% अमेरिकी मानते हैं कि कंपनियां बढ़े हुए शुल्क का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी। 45% अमेरिकी 10% तक शुल्क वृद्धि का समर्थन करते हैं, जबकि एक तिहाई लोग चीन से आयात पर 60% तक टैक्स लगाने के पक्ष में हैं।
कंपनियों की तैयारी: कंपनियां स्थिति से निपटने के लिए रणनीति बना रही हैं, जिसमें कीमतें बढ़ाने पर विचार भी शामिल हैं।
भारतीय IT कंपनियों का रुख: भारतीय IT कंपनियां अमेरिका में स्थानीय लोगों की नियुक्ति बढ़ा रही हैं। इन्फोसिस और टीसीएस ने अब तक 25,000 से अधिक अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी दी है। नैसकॉम के अनुसार, भारतीय IT कंपनियों को अमेरिकी नीतियों में बदलाव के अनुसार खुद को ढालना होगा और नए बाजारों पर भी ध्यान देना होगा।
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