शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमालयी क्षेत्र में आपदा जोखिम कम करने के लिए फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एएफडी) के साथ 886.26 करोड़ रुपये की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के तहत एक हिमालय आपदा जोखिम न्यूनीकरण केंद्र स्थापित किया जाएगा।
केंद्र की भूमिका:
यह केंद्र ग्लेशियर पिघलने से होने वाली बाढ़ की पूर्व चेतावनी, निगरानी, भूस्खलन और कृषि-बागवानी संबंधी जानकारी प्रदान करेगा। जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक रणनीति भी लागू की जाएगी।
परियोजना के मुख्य उद्देश्य:
-
प्राकृतिक आपदाओं के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करना।
-
बाढ़ पूर्वानुमान क्षमता बढ़ाना।
-
विभिन्न विभागों को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित करना।
-
हेलीपैड और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण।
तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान:
-
समावेशी लचीलापन रणनीतियाँ और आईटी-आधारित समाधान: इसमें जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता आकलन और सूचना, शिक्षा और संचार सामग्री का विकास शामिल है।
-
विभागों का सुदृढ़ीकरण: आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला आपदा प्रबंधन और आपातकालीन संचालन केंद्रों की क्षमता बढ़ाना।
-
बुनियादी ढांचे का विकास: जंगल की आग शमन, विशेष राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) इकाइयाँ, अग्निशमन केंद्र और हेलीपैड स्थापित करना।
अन्य महत्वपूर्ण कार्य:
-
आपदा प्रतिक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
-
बायोइंजीनियरिंग नर्सरी स्थापित करना।
-
जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना।
-
नवीन तकनीकों को शामिल करना।
यह परियोजना हिमाचल प्रदेश को आपदाओं से निपटने के लिए और अधिक तैयार करेगी और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
Pls read:Himachal: HRTC बस में मिला यात्री का शव, परिचालक पर लापरवाही का आरोप