देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार कुशल वित्तीय प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर रही है। चालू वित्त वर्ष के प्रथम नौ महीनों में ही खनन से 686 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के कुल राजस्व 646 करोड़ रुपये से भी अधिक है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक खनन से 1000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक होगा।
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए अपर मुख्य सचिव (वित्त) और सचिव वित्त की अध्यक्षता में राजस्व अर्जित करने वाले विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इसके सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। खनन से प्राप्त राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में खनन से 397 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 646 करोड़ रुपये हो गया।
राजस्व बढ़ोत्तरी के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त और खनन विभाग ने रणनीति में बदलाव किया है। अब निगरानी का कार्य बाह्य सहायतित एजेंसियों को सौंपा गया है, जबकि पहले खनन विभाग स्वयं यह कार्य करता था। इस बदलाव के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
राज्य के स्वयं के कर राजस्व में भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य को स्वयं के कर से 11513 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 19245 करोड़ रुपये हो गया। इस वित्तीय वर्ष में स्वयं के कर से कुल राजस्व लगभग 22500 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
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