Punjab: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का चंडीगढ़ से गहरा नाता, यूनिवर्सिटी को दान में दी थीं 3500 किताबें

चंडीगढ़: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन पर पूरे देश में शोक व्याप्त है। डॉ. सिंह का चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की और यहीं प्रोफेसर भी रहे। एक समारोह के दौरान उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी को अपनी 3500 किताबें दान में दी थीं। वे चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में एक कनाल के मकान में भी रहते थे।

डॉ. मनमोहन सिंह ने 1954 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की थी। इसके बाद 1957 से 1966 तक उन्होंने यूनिवर्सिटी में ही अर्थशास्त्र के सीनियर फैकल्टी के रूप में सेवाएं दीं। आगे की पढ़ाई के लिए वे विदेश गए और 1957 में ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफ़िल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में पीएचडी की।

पीएचडी पूरी करने के बाद डॉ. सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र पढ़ाया। छात्र उन्हें एक शिक्षक के रूप में बहुत पसंद करते थे। उन्हें जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

डॉ. मनमोहन सिंह की उपलब्धियां:

  • 1932: जन्म – गांव गाह (अब पंजाब, पाकिस्तान)

  • 1954: पंजाब विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री

  • 1962: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी

  • 1972: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार

  • 1976: वित्त मंत्रालय में सचिव

  • 1982: भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर

  • 1985: योजना आयोग के उपाध्यक्ष

  • 1991: वित्त मंत्री (पीवी नरसिम्हा राव सरकार)

  • 2004: भारत के 13वें प्रधानमंत्री

  • 2009: दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए

  • 1987: पद्म विभूषण से सम्मानित

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