नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2025 सीज़न के लिए खोपरा (नारियल गरी) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 422 रुपये तक की बढ़ोतरी की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मिलिंग खोपरा का MSP 422 रुपये बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि बाल खोपरा का MSP 100 रुपये बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. यह MSP उचित और औसत गुणवत्ता वाले मिलिंग और बाल खोपरा के लिए है और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया है. वैष्णव ने कहा कि MSP उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया गया है और इससे सरकार पर 855 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा.
कर्नाटक का खोपरा उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान:
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह फैसला किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि भारत में खोपरा उत्पादन में कर्नाटक का सबसे बड़ा योगदान है. खोपरा की खरीद के लिए NAFED और NCCF केंद्रीय नोडल एजेंसियां होंगी. राज्य सरकारों के निगम भी इस खरीद प्रक्रिया में सहयोग करेंगे.
MSP पर कानूनी गारंटी की मांग:
इस बीच, सभी 23 फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. खन्नौरी में संयुक्त किसान मोर्चा और शंभू में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का धरना जारी है. कृषि पर संसदीय मामलों की समिति ने भी MSP पर कानूनी गारंटी देने की सिफारिश की है. समिति के अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कई सिफारिशें की गई हैं, जिनमें प्रधानमंत्री किसान निधि की राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का सुझाव भी शामिल है.
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