नई दिल्ली: संविधान के 75वें वर्षगांठ पर लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। महाभारत के एकलव्य और द्रोणाचार्य की कहानी का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से देश के युवाओं, किसानों और व्यापारियों का ‘अंगूठा काट’ रही है, उनके अवसर और अधिकार छीन रही है।
एकलव्य की कहानी से साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि जिस प्रकार द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरुदक्षिणा में अंगूठा मांगकर उसके कौशल को छीन लिया था, उसी प्रकार भाजपा सरकार अग्निवीर योजना के माध्यम से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना युवाओं को दीर्घकालिक रोजगार और सुरक्षा से वंचित कर रही है।
अदाणी को लेकर भाजपा पर हमला
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में धारावी पुनर्विकास परियोजना अदाणी समूह को दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अदाणी को देकर सरकार ने स्थानीय युवाओं से रोजगार के अवसर छीन लिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रक्षा उद्योग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अदाणी को सौंपकर ईमानदार व्यापारियों के साथ अन्याय कर रही है।
किसानों का मुद्दा भी उठाया
राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं और लाठीचार्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अदाणी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने में लगी है।
सावरकर का नाम लेकर भाजपा पर वार
राहुल गांधी ने वी.डी. सावरकर का जिक्र करते हुए कहा कि सावरकर ने संविधान पर सवाल उठाए थे और कहा था कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सावरकर संविधान को मनुस्मृति के आधार पर बदलना चाहते थे। राहुल गांधी ने भाजपा से पूछा कि क्या वह सावरकर के विचारों का समर्थन करती है?
हाथरस कांड का जिक्र
राहुल गांधी ने हाथरस कांड का भी जिक्र किया और कहा कि भाजपा के राज में बलात्कारी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित डर के साये में जीने को मजबूर हैं। राहुल गांधी के इस तीखे हमले के बाद संसद में हंगामा मच गया। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताया और उनसे माफी मांगने की मांग की। इस मुद्दे पर संसद में काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही।
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