देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के साथ ही भारतीय सेना में 456 नए अफसरों का प्रवेश हुआ। कुल 491 ऑफिसर कैडेट्स ने इस परेड में भाग लिया, जिनमें से 456 भारतीय सेना में शामिल हुए और 35 विदेशी कैडेट्स ने अपनी प्रशिक्षण यात्रा पूरी की। इस गौरवपूर्ण अवसर पर नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में परेड की सलामी ली।
जतिन कुमार ने बढ़ाया देश का मान, स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित
प्रशिक्षण अवधि के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जतिन कुमार को प्रतिष्ठित “स्वार्ड ऑफ ऑनर” से नवाजा गया। उनके अद्भुत पराक्रम और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें इस सम्मान का हकदार बनाया। इसके अलावा, प्रथम सिंह को गोल्ड मेडल, जतिन कुमार को सिल्वर मेडल, चिराग यादव को सिल्वर मेडल (टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स), महिपाल सिंह को सिल्वर मेडल (टेक्निकल एंट्री स्कीम) और मयंक ध्यानी को ब्रांज मेडल प्रदान किया गया। प्रबीन पांडेय को बांग्लादेश मेडल से सम्मानित किया गया, जो उनकी असाधारण उपलब्धि का प्रमाण है।
परेड के दौरान यातायात व्यवस्था में बदलाव
पासिंग आउट परेड के मद्देनजर शनिवार सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक शहर के यातायात में बदलाव किए गए। इस दौरान कुछ केंद्रों पर प्रतियोगी परीक्षाएं भी आयोजित होनी थीं, जिसके चलते एसएसपी अजय सिंह ने सभी बैरियर प्वाइंट्स पर तैनात पुलिसकर्मियों को परीक्षार्थियों की सहायता के लिए विशेष निर्देश दिए थे। परीक्षार्थियों को किसी भी समस्या की स्थिति में 112 कंट्रोल रूम के माध्यम से पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई थी।
यह रहा डायवर्जन प्लान:
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आईएमए की ओर जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया गया और आईएमए क्षेत्र को जीरो जोन घोषित किया गया।
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बल्लूपुर से प्रेमनगर की ओर जाने वाले वाहनों को रांघडवाला तिराहा से मिठी बेरी होते हुए प्रेमनगर की ओर भेजा गया।
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प्रेमनगर से शहर की ओर आने वाले वाहनों को प्रेमनगर चौक से दरू चौक, मिठी बेरी होते हुए शिमला बाईपास रोड से निरंजनपुर मंडी होते हुए शहर की ओर भेजा गया।
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अन्य परिस्थितियों में प्रेमनगर से आने वाले वाहनों को एमटी सेक्शन गेट से आईएमए के अंदर से रांघडवाला की ओर भेजा गया।
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सेलाकुंई और भाऊवाला से आने वाले सभी वाहनों को धूलकोट तिराहे से सिंघनीवाला होते हुए नया गांव से शहर की ओर भेजा गया।
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देहरादून से विकासनगर की ओर जाने वाले भारी वाहनों को शिमला बाईपास से डायवर्ट कर विकासनगर धर्मावाला की ओर भेजा गया।
नव-नियुक्त अफसरों का भविष्य उज्ज्वल
यह पासिंग आउट परेड न केवल इन युवा अफसरों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण है। ये नए अफसर अपने प्रशिक्षण, अनुशासन और देशभक्ति से भारतीय सेना की शान को और ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। उनका समर्पण और कर्तव्यपरायणता देश की सुरक्षा और अखंडता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। देश को इन युवा अफसरों पर गर्व है और उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता है।
आईएमए का गौरवशाली इतिहास
भारतीय सैन्य अकादमी का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। यह संस्थान देश के वीर सैनिकों को तैयार करने का एक प्रमुख केंद्र है। यहां प्रशिक्षित अफसर न केवल युद्ध कौशल में निपुण होते हैं, बल्कि नेतृत्व, अनुशासन और देशभक्ति के गुणों से भी परिपूर्ण होते हैं। आईएमए द्वारा प्रशिक्षित अफसरों ने देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया है और देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार
आज का विश्व कई चुनौतियों से भरा है। ऐसे में भारतीय सेना को नित नए खतरों का सामना करना पड़ता है। आईएमए इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अफसरों को न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करता है, बल्कि उन्हें नवीनतम तकनीक और रणनीतियों से भी अवगत कराता है। ये नव-नियुक्त अफसर भविष्य की चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
राष्ट्र की सेवा में समर्पित
इन नव-नियुक्त अफसरों का जोश और जज्बा देखकर यह स्पष्ट है कि वे राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर हैं। उनका समर्पण और त्याग देश के लिए एक प्रेरणा है। हम सभी को इन युवा अफसरों पर गर्व है और उन्हें एक उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं।
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