शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब शहरों में भी होम स्टे चलाने की अनुमति होगी, और इसके लिए किसी अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की आवश्यकता नहीं होगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके अलावा, बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए.
होम स्टे नीति 2024:
कैबिनेट ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम-2024 को अधिसूचित करने का फैसला किया. नई नीति के तहत:
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केवल हिमाचल प्रदेश के निवासी ही होम स्टे चला सकेंगे.
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होम स्टे के लिए उचित मल निकासी और कचरा निपटान व्यवस्था अनिवार्य होगी.
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अधिकतम कमरों की संख्या चार से बढ़ाकर छह कर दी गई है.
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वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जाएगा.
आपदा राहत पैकेज:
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए आपदा राहत पैकेज को जारी रखने का फैसला लिया गया है. शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के कुछ प्रभावित इलाकों के लोगों को 7 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
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स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति और SMC शिक्षकों को नियमित करने की मंजूरी.
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विभिन्न विभागों में 137 पदों को भरने की मंजूरी.
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उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए आयु सीमा 20 से 30 वर्ष निर्धारित.
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मेडिकल कॉलेज और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए दो कैडर बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी. कर्मचारियों को पसंदीदा कैडर चुनने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा.
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जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) ट्रस्ट नियम-2016 में संशोधन. प्रभावित क्षेत्र का दायरा 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 15 किलोमीटर किया गया. DMF फंड का कम से कम 70% हिस्सा प्रभावित क्षेत्रों में ही खर्च करना होगा.
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सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंजूरी. DFO को 50 पेड़ों तक के मामलों में निविदा खोलने का अधिकार.
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