
वाशिंगटन: अमेरिका के उच्च शिक्षण संस्थानों ने विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को 20 जनवरी से पहले शीतकालीन अवकाश से लौटने की सलाह जारी की है। यह सलाह डोनाल्ड ट्रम्प के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले ही जारी की गई है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा अवैध अप्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन की संभावित कार्रवाई की चर्चाओं के मद्देनज़र यह सतर्कता बरती जा रही है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) समेत कई विश्वविद्यालयों ने यह सलाह जारी की है।
भारतीय छात्रों पर सबसे अधिक असर: अमेरिका में करीब 11 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, जिनमें 3 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा भारतीय छात्र शामिल हैं। हायर एड इमिग्रेशन पोर्टल के मुताबिक, वर्तमान में 4 लाख से अधिक छात्र बिना उचित दस्तावेजों के अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित हैं। अगर ट्रम्प प्रशासन कोई कठोर निर्णय लेता है तो सबसे ज़्यादा भारतीय छात्र प्रभावित हो सकते हैं।

वैध वीज़ा धारकों को चिंता की ज़रूरत नहीं: एमआईटी ने स्पष्ट किया है कि वैध एफ वीज़ा वाले छात्रों को ट्रम्प प्रशासन के किसी भी वीज़ा प्रतिबंध से प्रभावित होने की संभावना नहीं है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि बिना दस्तावेज वाले छात्रों के लिए विदेश यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है।
2017 का अनुभव सबक: यह सलाह 2017 के ट्रम्प प्रशासन के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए दी जा रही है। 27 जनवरी 2017 को ट्रम्प प्रशासन ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के लिए 90 दिनों के लिए अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इस घटना के बाद से ही विदेशी छात्रों में चिंता बनी हुई है। इसलिए, विश्वविद्यालय इस बार पहले से ही सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।
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