ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। गांव के लोगों तक सरकार की सभी सुविधा तथा पैसा पहुंचे, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आई है, जिसके लिए कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं।
दूध, गोबर और मनरेगा पर ज़ोर
सुक्खू ने कहा कि उन्होंने गाय और भैंस का दूध का समर्थन मूल्य निर्धारण किया है। गोबर का मूल्य भी निश्चित कर दिया गया है। मनरेगा में सबसे ज्यादा दिहाड़ी वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बढ़ाई है।
शिक्षा व्यवस्था पर चिंता
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने नोटिफिकेशन पे नोटिफिकेशन कर स्कूल खोल दिए, मगर शिक्षक नहीं दिए। हालात यह है कि सरकारी स्कूलों से क्वालिटी एजुकेशन खत्म हो गई है। देश में जहां हम शिक्षा में पहले स्थान थे। अब हम देश में 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं। शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए क्वालिटी एजुकेशन देने पर विशेष कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 6000 शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जिसमें 3000 शिक्षकों की नियुक्ति राज्य चयन बोर्ड से की जा रही है।
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की हालात खस्ताहाल हैं, जिसमें सुधार के लिए कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने लवासा चौकी ढंगयार पिंजौर सड़क को चौड़ा करने के लिए डीपीआर बनाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए।
विभिन्न पदाधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर नाहन के विधायक अजय सोलंकी, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रुपेंद्र ठाकुर, पूर्व मंत्री गंगूराम मुसाफिर, पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव दयाल प्यारी कश्यप, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एडिशनल एडवोकेट जनरल रूपेंद्र ठाकुर, पूर्व जिला अध्यक्ष आनंद परमार और भुरशिंग महादेव मंदिर कमेटी अध्यक्ष मदन मोहन अत्री सहित विभिन्न पंचायत प्रतिनिधि तथा सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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