HImachal: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए पैरा कमांडो राकेश कुमार को अंतिम विदाई – The Hill News

HImachal: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए पैरा कमांडो राकेश कुमार को अंतिम विदाई

खबरें सुने

मंडी: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुए पैरा कमांडो राकेश कुमार को आज राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ मंडी के धर्मद्वारा स्थित मोक्ष धाम में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। सुबह उनकी पार्थिव देह नेरचौक मेडिकल कालेज से उनके घर बरनोग के लिए रवाना हुई। पति की पार्थिव देह को देख राकेश कुमार की पत्नी बेसुध हो गईं।

तीन दिन बाद पहुंची पार्थिव देह

सोमवार को जम्मू में देरी होने से पार्थिव देह मंडी दोपहर बाद तीन बजे पहुंची थी। इसके बाद मंगलवार को अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया था। बलिदानी राकेश कुमार की पत्नी भानु प्रिया ने भारत माता की जय व राकेश कुमार अमर रहे का नारा लगा पति को अंतिम विदाई दी।

गांव में शोक का माहौल

मंडी जिले के नाचन हलके के बरनोग गांव में सोमवार को उदासी और प्रतीक्षा का माहौल था। बलिदानी कमांडो नायब सूबेदार राकेश कुमार की अंतिम विदाई में शामिल होने और उनके अंतिम दर्शन करने के लिए सुबह से ही गांव के लोग उनके घर पर जुटना शुरु हो गए थे। हर चेहरा उदास था, आंखों में एक दर्द था। सभी का दिल गर्व से भरा था, लेकिन एक इंतजार और बेचैनी भी थी जो समय के साथ और गहरी होती जा रही थी।

परिवार पर दुखों का पहाड़

राकेश की पार्थिव देह के आने की खबर ने गांव में एक अजीब सी शांति और गंभीरता ला दी थी। राकेश के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। उनकी पत्नी, जिन्होंने हमेशा अपने पति को बहादुरी के साथ कर्तव्य निभाते देखा था बेसुध सी थीं। बच्चों के मासूम चेहरों पर उदासी और अनकहा दर्द था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उनके पिता की पार्थिव देह को देखने का इंतजार कब खत्म होगा। उनकी बूढ़ी मां बार-बार दरवाजे की ओर देख रही थीं, मानो हर पल उन्हें उम्मीद हो कि अब उनका बेटा घर पहुंचेगा।

गांव का परिवार के साथ खड़ा होना

गांव के लोग जो हर सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। राकेश के परिवार के इस मुश्किल वक्त में भी साथ देने आए थे। गांव के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सब घर के बाहर इकट्ठा थे। लोग दिन भर धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते रहे, किसी ने भी घर लौटने का नाम नहीं लिया। राकेश की बहादुरी की गाथाएं एक-दूसरे को सुनाकर लोग उनका सम्मान कर रहे थे।

राकेश की वीरता को सलाम

राकेश कुमार की वीरता और देशभक्ति को सभी सलाम कर रहे थे। उनके बलिदान को हमेशा के लिए अपनी यादों में संजोने का प्रण कर रहे थे।

 

Pls read:Uttarakhand: देहरादून में भीषण सड़क हादसा: छह युवक-युवतियों की मौत, कार के परखच्चे उड़े

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *