देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की आर्थिकी और पारिस्थितिकी में संतुलन लाने के लिए एक नई और व्यापक रणनीति का शुभारंभ किया है। इस रणनीति का नाम है “त्रि-स्तम्भीय और नौ-सूत्रीय रणनीति कार्यक्रम”। इस कार्यक्रम को नियोजन विभाग द्वारा तैयार किया गया है, जो मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में काम कर रहा है।
तीन स्तंभ और नौ सूत्र
यह रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है, जिनमें से प्रत्येक स्तंभ में तीन सूत्र शामिल हैं:
1. समुदाय सशक्तिकरण अभियान:
-
पारंपरिक प्रथाओं का पुनरावर्तन: इस सूत्र के तहत, उत्तराखंड के पारंपरिक ज्ञान और प्रथाओं को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। स्थानीय लोगों को उनके पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करके स्थानीय उत्पादों के उत्पादन और विपणन में सक्षम बनाया जाएगा।
-
उचित उपभोग हेतु व्यवहार परिवर्तन: इस सूत्र का उद्देश्य लोगों के उपभोग के पैटर्न को बदलना है ताकि वे संसाधनों का अधिक जिम्मेदारी से उपयोग करें।
-
युवाओं का कौशल उन्नयन: इस सूत्र के तहत युवाओं को स्थानीय संसाधनों और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिल सकें।
2. नवाचार एवं तकनीकि अभियान:
-
ग्रीन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन: इस सूत्र का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाकर, विकास को सतत और टिकाऊ बनाना है।
-
तकनिकी आधारित त्वरित समाधान: इस सूत्र का उद्देश्य तकनीक का उपयोग करके पर्यावरणीय चुनौतियों के त्वरित समाधान ढूंढना है।
-
सर्कुलर इकॉनमी का अंगीकरण: इस सूत्र का उद्देश्य संसाधनों का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करना है, जिससे कचरे की मात्रा कम हो सके।
3. वित्तीय स्वायत्तता एवं साक्षरता अभियान:
-
ग्रीन प्रैक्टिसेज का मानकीकरण: इस सूत्र के तहत, पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को मानकीकृत किया जाएगा, जिससे उन्हें व्यापक स्तर पर अपनाया जा सके।
-
कार्बन क्रेडिट हेतु सहभागिता: इस सूत्र का उद्देश्य कार्बन क्रेडिट के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए धन जुटाना है।
-
सतत परियोजनाओं हेतु ब्रिज फंडिंग: इस सूत्र का उद्देश्य सतत विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता जुटाना है।
मुख्यमंत्री धामी का संदेश:
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ ही पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने सभी विभागों से इस रणनीति पर तेजी से काम करने की अपेक्षा की है।
उद्देश्य:
इस रणनीति का उद्देश्य उत्तराखंड की आर्थिकी और पारिस्थितिकी में संतुलन बनाना है, जिससे राज्य का विकास सतत और टिकाऊ हो सके। यह रणनीति राज्य के पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण, नवाचार और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बहुआयामी रणनीति है, जो उत्तराखंड के समग्र विकास को बढ़ावा देगी।