चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई गई ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत, पंजाब पुलिस की एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) ने डी.एस.पी. वविंदर कुमार महाजन के खिलाफ भ्रष्ट गतिविधियों में ड्रग सप्लायर्स की मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
डी.जी.पी. गौरव यादव ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ए.एन.टी.एफ. ने 1.98 करोड़ अल्प्राज़ोलम गोलियां और 40 किलोग्राम कच्ची अल्प्राज़ोलम ज़ब्त करने संबंधी मामले में दर्ज फरवरी 2024 के केस की ताजा जांच के बाद अपने ही रैंक में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए खुलासा किया कि डी.एस.पी. (ए.एन.टी.एफ.) के पद पर तैनात वविंदर कुमार महाजन और उसका साथी अखिल जय सिंह निवासी लखनऊ, रिश्वतखोरी की एक चौंकाने वाली योजना में शामिल थे। इस समय डी.एस.पी. महाजन 9वीं बटालियन पी.ए.पी., अमृतसर में डी.एस.पी. के रूप में तैनात है।
डी.जी.पी. ने कहा कि मई 2024 में मैसर्स समीलैक्स फार्माकेम ड्रग इंडस्ट्रीज़ में संयुक्त निरीक्षण के दौरान, ए.एन.टी.एफ. टीम को एनडीपीएस अधिनियम के गंभीर उल्लंघन का पता चला। उन्होंने आगे कहा कि इस केस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डी.एस.पी. महाजन ने कानूनी परिणामों से बचाने के लिए मैसर्स एस्टर फार्मा से 45 लाख रुपये रिश्वत ली थी।
विशेष डी.जी.पी. ए.एन.टी.एफ. कुलदीप सिंह ने बताया कि दो प्रमुख गवाहों द्वारा न्यायिक अधिकारी के समक्ष स्वेच्छा से बयान देने और वित्तीय एवं तकनीकी सबूतों की पुष्टि होने के बाद आरोपी डी.एस.पी. महाजन द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।
ए.एन.टी.एफ. की टीम ने आरोपी डी.एस.पी. के अमृतसर स्थित घर पर छापा मारा, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। आरोपी डी.एस.पी. फरार है और मामले की आगे की जांच जारी है।