देहरादून: उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त रुख अपना रही है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में दायर वादों की त्वरित सुनवाई हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं, साथ ही त्यौहारों के दौरान विशेष अभियान संचालित कर टेस्टिंग तथा मिलावटी कार्यों में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य बिंदु:
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न्याय निर्णयन में तेजी: खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में न्याय निर्णयन हेतु दायर वादों के विलम्ब के मामलों का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने न्याय निर्णायक अधिकारी/जिलाधिकारी/एडीएम को वादों की त्वरित सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
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मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान: त्यौहारों के दौरान विशेष अभियान संचालित कर दुग्ध, मिठाई व अन्य खाद्य उत्पादों की टेस्टिंग तथा मिलावटी कार्यों में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
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फूड टेस्टिंग लैब: सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को देहरादून में गढ़वाल मण्डल की फूड टेस्टिंग लैब के संचालन को आरम्भ करने के लिए 2 माह की डेडलाइन दी है।
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अल्ट्रा मॉर्डन फूड लैब: रूद्रपुर में अल्ट्रा मॉर्डन माइक्रोबाइलोजिकल फूड लैब की स्थापना तथा लैब में आधुनिकतम उपकरण की उपलब्धता के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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फूड सेफटी ऑन व्हील्स: राज्य सरकार द्वारा फूड सेफटी ऑन व्हील्स प्रोग्राम के संचालन हेतु भी संविदा के आधार पर 8 पदों की स्वीकृति दी गई है।
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प्रशिक्षण: भोजनमाताओं व आंगनबाड़ी वर्कर्स को फूड टेस्टिंग में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए हैं।
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ईट राइट इंडिया: मुख्य सचिव ने ईट राइट इण्डिया अभियान के तहत ईट राइट कैम्पस/ईट राइट स्कूल प्रमाणीकरण में सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शासकीय एवं गैर शासकीय कैम्पस को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
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उत्तर प्रदेश से सहयोग: उत्तराखण्ड की सीमा पर स्थित जिलों में मिलावटी दुग्ध व दुग्ध व खाद्य उत्पादों की सयुंक्त निगरानी एवं प्रवर्तन कार्यां को संचालित करने की दृष्टि से मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा जा रहा है।
उपरोक्त कार्यों के साथ सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के लिए कई अन्य पहलें की जा रही हैं जिनमें चारधाम यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की जाँच, मोबाईल खाद्य विश्लेषणशालाओं का संचालन, सघन चैकिंग अभियान, न्याय निर्णयन अधिकारियों का प्रशिक्षण, हैल्पलाइन का ऑटो डिजीटाइजेशन, सी०एस०आर० फंड के तहत स्ट्रीट वेंडर का फॉस्टेक प्रशिक्षण शामिल हैं।
इन सभी प्रयासों से उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा और मानकों में सुधार की उम्मीद है।
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