Punjab: पंजाब सरकार एनएचएआई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है – मंत्री हरभजन सिंह

– कैबिनेट मंत्री द्वारा अचानक सरकारी स्कूलों का दौरा किया और छात्रों के साथ बैठकर मिड-डे मील खाया।
– राज्य के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं – हरभजन सिंह।
– कहा, राज्य में ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ सफलतापूर्वक चल रहे हैं।

*मोगा/चंडीगढ़, 24 अगस्त (000)* – पंजाब के लोक निर्माण विभाग और बिजली विभाग के कैबिनेट मंत्री स हरभजन सिंह ने स्पष्ट किया है कि पंजाब सरकार एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान ने उच्च स्तर पर बैठकें की हैं। जो भी छोटे-मोटे मुद्दे सामने आ रहे हैं, उन्हें जल्द ही हल कर लिया जाएगा। उन्होंने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि राज्य में भूमि अधिग्रहण को लेकर कोई समस्या है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संबंधित भूमि जल्द ही प्राप्त करके एनएचएआई को सौंप दी जाएगी।

आज, उन्होंने अचानक स्थानीय सरकारी प्राथमिक स्कूल पत्ती रूपा और सरकारी प्राथमिक सरकारी स्कूल मोगा-1 का दौरा किया। इससे पहले, उन्होंने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल, जनेर का भी दौरा किया। इस अवसर पर उनके साथ मोगा क्षेत्र की विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा, विधायक श्री अमृतपाल सिंह सुक्खानंद, विधायक श्री मनजीत सिंह बिलासपुर, विधायक श्री दविंदरजीत सिंह लाड़ी ढोस, डिप्टी कमिश्नर श्री विशेष सारंगल और अन्य उपस्थित थे।

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए हरभजन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना है। राज्य के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ मोगा शहर में ही 3 नए स्कूल बनाए गए हैं। इन स्कूलों की हालत पहले बहुत खराब थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के चलते हर स्कूल को सुधारने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार चाहती है कि राज्य के स्कूलों के शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें, इसी कारण सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को अन्य देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। यदि स्कूल प्रमुख अच्छे होंगे तो स्कूल के परिणाम भी बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोजगारमुखी बनाया जा रहा है। बच्चों को तकनीकी शिक्षा की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी वजह से राज्य में ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ खोले जा रहे हैं। इन स्कूलों में होशियार बच्चों की रुचि को पहचानकर उन्हें उपयुक्त शिक्षा दी जा रही है ताकि वे अपनी रुचि के अनुसार अपना क्षेत्र/करियर चुन सकें। उन्होंने कहा कि उनके दौरे का उद्देश्य स्कूलों की आवश्यकताओं को जानना और उन्हें दूर करने के लिए प्रयास करना है। इस अवसर पर उन्होंने स्कूलों के छात्रों के साथ बैठकर मिड-डे मील खाया और उनसे बातचीत की। उन्होंने स्कूलों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया।

 

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