- – पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
- – डीजीपी गौरव यादव ने इस अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एजीटीएफ पंजाब की सराहना की
- – सहयोग के लिए हांगकांग के अधिकारियों, सीबीआई, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का किया धन्यवाद
चंडीगढ़, 22 अगस्त:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार न्याय सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, पंजाब पुलिस ने 2016 के नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह उर्फ़ रोमी का हांगकांग से सुरक्षित प्रत्यर्पण प्राप्त कर लिया है और उसे पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की टीम द्वारा आज भारत वापस लाया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए, पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने अपने एक्स प्लेटफार्म (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से बताया, “पंजाब पुलिस के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, न्याय सुनिश्चित करने के लिए आज मुख्य साजिशकर्ता रोमी को भारत वापस लाया जा रहा है। वह #ISI और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (#KLF) के अन्य फरार कैदियों सहित हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी के संपर्क में था।”
डीजीपी ने ट्वीट में आगे लिखा, “हम इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए हांगकांग के अधिकारियों, सीबीआई, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य सभी केंद्रीय एजेंसियों का धन्यवाद करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि भगोड़े रमनजीत सिंह उर्फ़ रोमी ने 27 नवंबर 2016 को सुबह 9 बजे के करीब हुए नाभा जेल ब्रेक में अहम भूमिका निभाई थी। इस कांड में, गैंगस्टरों ने पुलिस की वर्दी पहनकर उच्च सुरक्षा वाली जेल में घुसपैठ की थी और 6 खतरनाक कैदियों/गैंगस्टरों को फरार करवाया था। इन गैंगस्टरों में हरमिंदर सिंह उर्फ मिंटू, गुरप्रीत सिंह सेखों, अमनदीप सिंह ढोटियां, कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा दीओल, कश्मीर सिंह उर्फ गलवड्डी और गैंगस्टर हरजिंदर सिंह उर्फ विक्की गोंडर शामिल थे। उल्लेखनीय है कि इनमें से विक्की गोंडर को बाद में पंजाब पुलिस ने 26 जनवरी 2018 को राजस्थान में मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था।
रोमी, जो शेरा खुब्बन/विक्की गोंडर गैंग का मुख्य सदस्य था, ने नाभा जेल ब्रेक को अंजाम देने के लिए गैंग के सदस्यों को वित्तीय सहायता, हथियार और जेल में प्रवेश के लिए नकली आईडी प्रदान की थी। इसके साथ ही, जेल से फरार हुए कैदियों को सुरक्षित घर और छुपने के ठिकाने भी उपलब्ध करवाए थे।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि लगातार जांच और ऑपरेशनों के माध्यम से नाभा जेल ब्रेक के कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार करके चार्जशीट किया गया था, जबकि रमनजीत सिंह उर्फ़ रोमी, जो कि विदेशी हैंडलर था, को भगोड़ा घोषित किया गया था। रमनजीत, जो कि आईएसआई और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी के संपर्क में भी था, जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड था।
डीजीपी ने कहा कि न्याय सुनिश्चित करने की हमारी निरंतर कोशिश ने रोमी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर और रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया। उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया 2018 में
विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हांगकांग के साथ आपसी कानूनी सहायता संधि के तहत की गई थी और इस मामले को न्याय विभाग और हांगकांग की माननीय अदालत में ठोस रूप से पेश किया गया था। इसके बाद हांगकांग के माननीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा 6 अगस्त 2024 को रोमी के आत्मसमर्पण के संबंध में आदेश जारी किया गया था।
डीजीपी गौरव यादव ने एडीजीपी प्रमोद बान के नेतृत्व वाली एजीटीएफ की समूची टीम के कठिन प्रयासों की प्रशंसा की, जिसके तहत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से एक बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पंजाब पुलिस की दृढ़ता और योग्यता को साबित किया गया है।
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