रुद्रपुर: तराई क्षेत्र में 18 घंटे की भारी बारिश के बाद रुद्रपुर जलमग्न हो गया है। आसमान से आफत की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ में फंसे 300 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और ठहरने-खाने की व्यवस्था की है। बारिश का पानी घरों और दुकानों में घुस गया है, जिससे काफी नुकसान हुआ है।
कल्याणी नदी उफान पर: कल्याणी नदी उफान पर आ गई है। जगतपुरा, मुखर्जी नगर, ट्रांजिट कैंप, सिडकुल ढाल वाले क्षेत्र, रविंद्र नगर, आजाद नगर और कल्याणी नदी के किनारे रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया है। तीन पानी डैम में पानी का बहाव इतना तेज था कि आसपास के घरों में पानी भर गया। स्थिति संभालने के लिए एसडीआरएफ की टीमों ने लोगों को बाहर निकाला। नगर आयुक्त नरेशचंद्र दुर्गापाल, एसडीएम मनीष बिष्ट और तहसीलदार दिनेश कुटौला ने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित वार्डों का दौरा किया। किच्छा बाईपास रोड पर पूर्व विधायक के आवास में भी पानी घुस गया, जिसके बाद गंगापुर रोड से यातायात को रोक दिया गया।
300 से अधिक लोगों को सुरक्षित पहुंचाया: पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने रात में ही ट्रांजिट कैंप, मुखर्जी नगर, जगतपुरा और रविंद्र नगर से करीब तीन सौ से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू: तहसीलदार दिनेश कुटौला ने बताया कि कल्याणी नदी के आसपास डूब क्षेत्र में आ रहे भवनों में लोगों को पानी का जलस्तर बढ़ने के बाद एसडीआरएफ टीम की सहायता से रेस्क्यू किया गया। लगभग 250 लोगों को प्राथमिक विद्यालय आवास विकास, जूनियर हाईस्कूल आवास विकास और भंडारी सैनिक कान्वेंट स्कूल आवास विकास में रखा गया है। आजाद नगर और मुखर्जी नगर से 60 लोगों को निजी स्कूल में रखा गया है। इनके भोजन का प्रबंधन जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार की तरफ से किया जा रहा है।
डीएम ने एसडीआरएफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए: डीएम उदयराज सिंह ने एसडीआरएफ की टीमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम मनीष बिष्ट ने बताया कि उन्होंने सुबह टीम के साथ बारिश से प्रभावित वार्डों का दौरा किया है और स्थिति की रिपोर्ट डीएम को दी है।
तीन पानी डैम में बहाव तेज: तीन पानी डैम में बारिश के बाद बहाव तेज होने से कई कालोनियों में पानी भर गया। यहां फंसे कई लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला। लोगों का कहना है कि ऊपर से ही पानी का बहाव जंगल के रास्ते है, जिसके बाद यहां की स्थिति भी बेकाबू नजर आ रही है। कालोनियों में पानी भरने के बाद लोग घरों में ही कैद होकर रह गए।
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