देहरादून, [29july2024] : उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट टीचर 2 अगस्त से आंदोलन करने जा रहे हैं। 9 साल से अपनी सेवाएं दे रहे इन टीचरों का भविष्य अब भी अनिश्चित है, जिसके कारण वे इस कदम पर मजबूर हैं।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग में खाली पदों को भरने को लेकर 1000 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की बात कही है, लेकिन यह आश्वासन गेस्ट टीचरों को संतुष्ट नहीं कर पाया है।
गेस्ट टीचरों की मांगें:
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गेस्ट टीचरों का भविष्य सुरक्षित करना।
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9 साल से राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे गेस्ट टीचरों को स्थायी पद प्रदान करना।
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पहले दिए गए आश्वासनों को पूरा करना, जिसमें गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त न मानने का फैसला और गृह जनपद में ही सेवा देने का फैसला शामिल है।
गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि गेस्ट टीचर बेहतर परीक्षा परिणाम दे रहे हैं और शिक्षा विभाग भी इस बात को स्वीकार करता है।
मुख्य सवाल:
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क्या गेस्ट टीचरों की सुरक्षित भविष्य की मांग जायज नहीं है?
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क्या धामी सरकार द्वारा पहले किए गए वादे पूरे नहीं होने पर गेस्ट टीचरों का आंदोलन सही है?
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क्या सरकार गेस्ट टीचरों की मांगों पर ध्यान देगी और उनका भविष्य सुरक्षित करेगी?
गेस्ट टीचरों का आंदोलन सरकार के लिए एक चुनौती है। सरकार को इन टीचरों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना होगा और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
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