देहरादून: केरल में बतखों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि के बाद उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। पशुपालन विभाग ने सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी करते हुए पक्षियों की निगरानी बढ़ा दी है।
पशुपालन निदेशक डॉ. नीरज सिंघल के निर्देशानुसार, सभी जिलों के पशु चिकित्सकों को बर्ड फ्लू के लक्षणों पर नजर रखने और पक्षियों की असामान्य मृत्यु होने पर तुरंत सूचित करने को कहा गया है। संदिग्ध मामलों में पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब भेजे जाएंगे।
प्रवासी पक्षियों पर विशेष नजर:
प्रवासी पक्षियों के माध्यम से वायरस के प्रसार की आशंका को देखते हुए, प्रदेश भर में स्थित जलाशयों और उनके आसपास के क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है।
वायरस की पुष्टि होने पर कड़ी कार्रवाई:
यदि किसी क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि होती है, तो प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी मुर्गे–मुर्गियों को मार दिया जाएगा ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय:
-
संक्रमित पक्षियों को संभालते समय दस्ताने और मास्क पहनें।
-
पोल्ट्री फार्म के आसपास साफ–सफाई रखें और बड़े पेड़ों की छंटाई करें।
-
पक्षियों में असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
उत्तराखंड सरकार बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।
pls read:Uttarakhand: जल्द जंगलों की आग पर पाया जाएगा काबू- सीएम धामी