देहरादून – उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने हीट वेव को लेकर आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यशाला में चेतावनी दी है कि मई–जून महीने में उत्तराखंड में हीट वेव का प्रकोप देखने को मिल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कार्यशाला में हीट वेव के विभिन्न चरणों और बचाव के तरीकों पर जानकारी दी।
हीट वेव की स्थिति:
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मैदानी क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने पर हीट वेव की स्थिति बनती है।
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लगातार दो दिनों तक सामान्य से 4.5 से 6.5 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान रहने पर हानिकारक हीट वेव या लू चलने की संभावना होती है।
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गर्म हवा की लंबे समय तक मौजूदगी, ऊपरी वायुमंडल में नमी की कमी और साफ आसमान भी हीट वेव की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
बचाव के उपाय:
स्वास्थ्य विभाग की डॉ. सुजाता ने अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
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खूब पानी पिएं, प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें।
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हल्के रंग के ढीले–ढाले सूती कपड़े पहनें।
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धूप में निकलने से बचें, खासकर दोपहर के समय।
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धूप में निकलना ज़रूरी हो तो सिर को ढककर रखें, धूप का चश्मा और छाता का उपयोग करें।
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अधिक समय तक बाहर रहने से बचें, ठंडी जगह पर आराम करें।
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तरल पदार्थों का सेवन करें, जैसे नींबू पानी, छाछ, लस्सी आदि।
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ताज़े फल और सब्जियों का सेवन करें।
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शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से बचें, ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।
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अगर चक्कर आना, सिरदर्द, जी मिचलाना, शरीर में ऐंठन जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सारांश:
मई–जून में उत्तराखंड में हीट वेव की संभावना को देखते हुए USDMA और स्वास्थ्य विभाग लोगों को सावधानी बरतने और बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं। हीट वेव से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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