शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। आज सुबह उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफा देने की घोषणा की। राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल में सियासी भूचाल आ गया। विक्रमादित्य ने सीएम सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज चल रहे थे।
राज्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव उनके पिता वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा गया। मतदान से एक दिन पूर्व भी उनके नाम का विज्ञापन छपा। अब सीएम सुक्खू विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दुख की बात है कि मुझे प्रताड़ित किया गया।
उन्होने कहा कि हमारी आवाज और अस्तित्व को दबाने का प्रयास किया गया है जो बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं भारी मन से कह रहा हूं कि जिसका नाम लेकर सरकार बनी, उनकी मूर्ति के लिए दो गज की जमीन भी नहीं मिली। उन्होनें अपने पिता की तुलना मुगल सम्राट बहादुर शाह से की। विक्रमादित्य ने कहा कि बीते दिन भी हम हाई कमान के विश्वास पर खरे उतरे थे। इसके बाद विक्रमादित्य ने मंत्री पद से इस्तीफा की घोषणा की। उन्होंने जनता का आभार किया और कहा कि आप सभी के सहयोग से आगे बढ़ूंगा
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