शिमला। लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कमर कसते हुए संगठनात्मक बदलाव का फैसला लिया है। पार्टी विधानसभा चुनाव के दौरान निष्कासित बागी नेताओं की संगठन में वापसी करवाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मंडी दौरे से वापिस आने के बाद पार्टी पदाधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक करेंगी।
विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी ने 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया था। इसी के साथ वो भी निष्कािसित किये गए, जिन्होंने उनका साथ दिया। इनमें चौपाल के पूर्व विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल, बुद्धी सिंह, परसराम सहित दो दर्जन के करीब नेता ऐसे हैं जिन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है। कुछ ऐसे भी नेता है जो कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में गए थे। अब वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
मिशन-2024 की तैयारियों में जुटी प्रदेश कांग्रेस पार्टी संगठन को चुस्त दुरुस्त करने में जुटी हुई है। इसके लिए संगठन में पुराने लोगों को जोड़ा जा रहा है। पार्टी का कहना है कि टिकट न मिलने से नाराज लोग कई बार ऐसा कदम उठा लेते हैं। उनके साथ कई अन्य समर्थक भी पार्टी छोड़ देते हैं। इससे संगठन को चुनावों में नुकसान होता है।
इन लोगों का जनता के बीच अच्छा खासा जनाधार भी होता है। इसी आधार पर संगठन में इनकी दोबारा वापसी की जाएगी। हिमाचल में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की चारों सीटों पर हारी थी। हालांकि 2022 में उप चुनाव में मंडी सीट पर जीत हासिल की थी। अब संगठन को मजबूत करने के लिए फिर से तैयारी की जा रही है।