कैलिफोर्निया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ सैन फ्रांसिस्को में मुलाकात की। छह सालों के बाद शी जिपिंग अमेरिका पहुंचे थे। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीइसी) के नेताओं की बैठक के लिए पहुंचे शी जिपिंग ने हिस्सा लिया। दोनों ही देश अपने रिश्तों को सुधारने और अवैध फेंटेनाइल से निपटने के लिए भी सहमत हुए। वहीं, सैन्य संचार को दोबारा स्थापित करने पर रजामंदी दिखाई।
दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध, ताइवान, चीनी जासूसी गुब्बारे सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, अमेरिका का हमेशा मानना रहा है कि शी जिनपिंग एक ‘डिक्टेटर’ यानी तानाशाह के रूप में चीन को चलाते हैं। अमेरिका का यह मानना अभी भी कायम है। शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद जो बाइडन के कहा कि उन्हें अभी लगता है कि शी जिनपिंग एक तानाशाह के रूप में काम करते हैं।
बाइडन ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल पूछा कि क्या वो अभी भी शी जिनपिंग को एक तानाशाह मानते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा,”वह इस अर्थ में एक तानाशाह है कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो एक देश चला रहा हैं, एक कम्युनिस्ट देश, जो हमारी सरकार से बिल्कुल अलग सरकार के स्वरूप पर आधारित है।”
बाइडन से बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने कहा, “दोनों देशों की सफलता के लिए दुनिया काफी बड़ी है।” वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि यह सबसे जरूरी है कि हम एक-दूसरे को स्पष्ट रूप से समझें, बिना किसी गलतफहमी के। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए।”
जो बाइडन ने जून महीने में उत्तरी कैलिफोर्निया में शी जिनपिंग को तानाशाह बताया था। बाइडन के इस टिप्पणी को चीनी अधिकारियों ने बेतुका करार दिया था।
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