Punjab: पंजाब ने एक और मील पत्थर किया स्थापित: 25 प्रतिशत गाँव बने ओ.डी.एफ. प्लस- जिम्पा – The Hill News

Punjab: पंजाब ने एक और मील पत्थर किया स्थापित: 25 प्रतिशत गाँव बने ओ.डी.एफ. प्लस- जिम्पा

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चंडीगढ़, 25 सितम्बर:

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के योग्य नेतृत्व अधीन पंजाब ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत मील पत्थर स्थापित करते हुए राज्य के 25 प्रतिशत से अधिक गाँवों के लिए ओ.डी.एफ. प्लस गाँव का दर्जा हासिल किया है। बताने योग्य है कि ओ.डी.एफ. प्लस गाँव ऐसे गाँव है जिन्होंने ठोस या तरल अवशेष प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ खुले में शौच मुक्त स्थिति को बरकरार रखा है।

जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने बताया कि अब तक राज्य के 3028 गाँवों को ओ.डी.एफ प्लस घोषित किया गया है, जो 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे पड़ाव के लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अहम कदम है।

उन्होंने कहा कि ओ.डी.एफ. प्लस गाँवों की प्रतिशतता के सम्बन्ध में उच्च कारगुज़ारी वाले जि़लों में मानसा ( 60.85 फ़ीसदी), बरनाला ( 56.56 फ़ीसदी), बठिंडा ( 42.39 फ़ीसदी), गुरदासपुर ( 36.64 फ़ीसदी), मालेरकोटला ( 31.67 फ़ीसदी) और एस.ए.एस. नगर ( 32.14 फ़ीसदी) शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन जि़लों ने ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा प्राप्त करने में बेमिसाल प्रगति दिखाते हुए इस मील पत्थर को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है।

राज्य के 3028 ओ.डी.एफ. प्लस गाँवों में से 71 मॉडल गाँव भी हैं। बताने योग्य है कि ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल गाँव ऐसे गाँव हैं जिन्होंने अपनी ओ.डी.एफ. स्थिति को बरकरार रखा है और जिनमें ठोस अवशेष प्रबंधन और तरल अवशेष प्रबंधन की उपयुक्त व्यवस्था के साथ-साथ कम से कम कूड़ा, कम से कम खड़ा गंदा पानी और सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक का कूड़ा-कर्कट न होना शामिल है। इसके साथ ही ऐसे गाँवों में ओ.डी.एफ. प्लस सम्बन्धी जानकारी, शिक्षा और संचार (आई.ई.सी.) संबंधी मेसेज दर्शाए जाते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि 25 प्रतिशत गाँवों के लिए ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा हासिल करना पंजाब के लिए बहुत अहम है, क्योंकि राज्य ने पखानों के केवल निर्माण और प्रयोग से आगे मुकम्मल सफ़ाई की ओर कदम बढ़ाए हैं, जिससे ओ.डी.एफ. से ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा हासिल किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे पड़ाव में खुले में शौच मुक्त स्थिति (ओ.डी.एफ-एस) को बरकरार रखना, ठोस अवशेष प्रबंधन, प्लास्टिक अवशेष प्रबंधन, तरल अवशेष, मल कीचड़ प्रबंधन, गोबर धन, सूचना शिक्षा और संचार/व्यवहार परिवर्तन शामिल है।

जिम्पा ने बताया कि यह मील पत्थर जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की जि़ला और प्रांतीय टीमों की सख़्त मेहनत, समर्पण और वचनबद्धता को दिखाता है। उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं तो हम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

 

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