
रुद्रप्रयाग। शहीदों को लेकर सरकार की उपेक्षा का इससे बढ़ा उदाहरण नहीं हो सकता। देश की रक्षा करते हुए बलिदान देने वाले सते सिंह रावत की मूर्ति डेढ़ वर्ष से अनावरण का इंतजार करती रही। जब शासन-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो शहीद की बेटी ने ही खुद ही स्वतंत्रता दिवस पर शहीद पिता की मूर्ति का अनावरण कर दिया। जनपद रुद्रप्रयाग के अगस्त्मयुनि विकास खंड की गिंवाला गांव के सते सिंह रावत ने कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) में 25 अगस्त 1995 को देश की रक्षा करते हुए बलिदान दे दिया था। बलिदानी की मूर्ति राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गिंवाला के प्रांगण में लगाई गई। मूर्ति डेढ़ वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गई थी।

कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत ने विधानसभा क्षेत्र में सभी बलिदानी सैनिकों की मूर्तियां उनके गृह क्षेत्र में लगवाई थी। लेकिन इस बीच चुनाव की घोषणा होने से आचार संहिता लग गई, जिससे इस मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया। इसके बाद डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया।