- मुख्य मंत्री मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों को धान की पनीरी मुहैया करवाने के लिए पहले ही कंट्रोल रूम स्थापित कर चुकी
- किसान धान की पनीरी के लिए ” 77106- 65725″ पर संपर्क कर सकते है- गुरमीत सिंह खुडिया
- कृषि मंत्री द्वारा समूह किसानों के लिए मानक बीज और खाद की स्पलाई यकीनी बनाने के आदेश
चंडीगढ़, 29 जुलाई:
पंजाब के कृषि और किसान भलाई मंत्री स. गुरमीत सिंह खुडियां ने आज राज्य के सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को हिदायत की है कि वह बाढ़ प्रभावित किसानों की अधिक से अधिक मदद करे और यह यकीनी बनाने कि बाढ़ से प्रभावित किसी भी किसान को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा मुफ़्त मुहैया करवाई जा रही धान की पनीरी का लाभ लेने में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
कृषि मंत्री आज यहाँ किसान भवन में राज्य के सभी मुख्य कृषि अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की वचनबद्धता अनुसार इस प्राकृतिक आपदा में किसानों की मदद के लिए पूरी ताकत लगा रही है, जिसके अंतर्गत पंजाब कृषि और किसान भलाई विभाग द्वारा प्रभावित किसानों को धान की पनीरी मुफ़्त मुहैया करवाने के लिए पहले ही कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान, जिसकी फ़सल बाढ़ कारण क्षतिग्रस्त हुई है, धान की पनीरी लेने के लिए सुबह 8 बजे से रात 9. 30 बजे तक 77106- 65725 पर संपर्क कर सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन क्षेत्रों. जहां बाढ़ कारण फ़सल खराब हुई है, में धान की पनीरी मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है।
कृषि मंत्री ने मुख्य कृषि अधिकारियों को यह हिदायत भी की कि सभी किसानों को मानक बीज और खाद की स्पलाई यकीनी बनाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी बीज या खाद की गुणवत्ता के साथ समझौता करता पाया गया तो उल्लंघन करने वाले ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाएगी।
किसानों की भलाई के लिए उठाए जा रहे प्रयास के बारे में बताते हुए कृषि विभाग के विशेष मुख्य सचिव श्री के. ए. पी. सिन्हा ने कैबिनेट मंत्री को अवगत करवाया कि विभाग द्वारा नकली बीज और खाद की चैकिंग के लिए टीमों का गठन किया गया है और उल्लंघन करने वालों विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जाएगी। इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव अरशदीप सिंह थिंद, डायरैक्टर कृषि गुरविन्दर सिंह और कृषि विभाग के अन्य सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।
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