देहरादून: हथियारबंद चार बदमाशों ने नेहरू कालोनी में एक निजी स्कूल संचालक के घर में दिनदहाड़े लूट की वारदात को अंजाम दिया। लूटेरों ने घर की महिलाओं को बंधक बनाकर लाखों का माल लूट लिया। बेखौफ बदमाश घटना को अंजाम देने के बाद हरिद्वार मार्ग की तरफ भाग निकले।
नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत्त वीके अग्रवाल का नेहरू कालोनी के सी ब्लाक में घर है। उनके बेटे संदीप अग्रवाल नेहरू कालोनी में ही सेंट एनी नामक पब्लिक स्कूल चलाते हैं। मंगलवार को संदीप स्कूल में थे, जबकि घर पर पिता वीके अग्रवाल, मां सुनीता अग्रवाल, पत्नी निमिशा अग्रवाल और बहन रश्मि अग्रवाल थीं। निमिशा बच्चों के साथ घर के ऊपरी तल में थीं। दोपहर करीब 12 बजकर, सात मिनट पर एक बदमाश ने घर का दरवाजा खोला और सीधे अंदर घुस गया।
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बदमाश ने तमंचा निकालाकर सबको बंधक बना लिया। उसके पीछे से एकाएक तीन और बदमाश अंदर घुसे गए। डर के मारे सुनीता ने अपने हाथों में पहने चार सोने के कड़े और कुंडल निकालकर बदमाशों को दे दिए। इसके बाद एक बदमाश ने रश्मि के हाथों से भी तीन अंगूठियां निकाल लीं। उनके पर्स में रखे 15 हजार रुपये भी ले लिए। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि बदमाशों की संख्या चार ही बताई जा रही है। निमिषा ने बताया कि 12.07 मिनट पर वह अपने एक दोस्त से बात कर रही थीं। इसी बीच नीचे से आवाजें सुनाई दीं। वह नीचे नहीं गई और खुद को कमरे में बंद कर लिया। वहां से पहले अपने स्कूल के कर्मचारी को फोन किया। इसके बाद अपने पति को। कुछ देर बाद ही वह बालकनी में आ गईं। यहां सड़क से गुजरते एक पुलिसकर्मी को देखा तो मदद की गुहार लगाई। पुलिसकर्मी अंदर आया, लेकिन तब तक बदमाश जा चुके थे। जिस तरह से बदमाशों ने लूट को अंजाम दिया उससे यह लग रहा है कि बदमाशों को या तो घर के बारे में सारी जानकारी थी, या उन्होंने लूट से पहले रेकी की होगी। सुनीता अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि बदमाश कह रहे थे कि हम भी आगरा से हैं, तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अग्रवाल परिवार भी 1986 में आगरा से आकर देहरादून में बसा था।
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