नई दिल्ली। अब रसूखदार आरोपियों के पुलिस की हिरासत में जाते ही बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो रिमांड से बचने की तरकीब नहीं चलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि गिरफ्तारी के बाद बीमार होने के दौरान अस्पताल में बिताए दिन पुलिस रिमांड के दिनों में शामिल नहीं होंगे। पुलिस रिमांड की अवधि अस्पताल से डिसार्ज होने के बाद गिनी जाएगी।
आजकल यह बहुत आम हो गया है कि गिरफ्तार होने के बाद एक आरोपी बीमार हो जाता है और अस्पताल में भर्ती हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पुलिस आरोपी से पूछताछ के लिए अतिरिक्त समय ले सकती है ताकि इलाज में बर्बाद हुए समय की भरपाई की जा सके। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि कोई भी आरोपी जांच या अदालती प्रक्रिया से खिलवाड़ नहीं कर सकता। अदालत के अनुसार, सीबीआई को पश्चिम बंगाल के एक कोयला घोटाले के संदिग्ध से पूछताछ करने के लिए सात दिन की हिरासत दी गई है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और अंतरिम जमानत की अनुमति दिए जाने के बाद से वह केवल ढाई दिन ही उससे पूछताछ कर पाई है। इस मामले में कोर्ट न कड़ा संज्ञान लिया।
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