नई दिल्ली। राहुल गांधी की संसद सदस्यता बर्खास्त करने को लेकर अमेरिका की तीखी प्रतिक्रिया के बाद अब जर्मनी की सरकार ने बयान जारी किया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने राहुल का समर्थन करते हुए कहा है कि विपक्षी नेता राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होने चाहिए। इससे पहले मीडिया से बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि राहुल गांधी मामले पर हमारी नजर है। हम इस मुद्दे पर भारत सरकार के भी संपर्क में हैं।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि ‘हमें पता चला है कि राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उसके बाद साफ होगा कि फैसला किस आधार पर दिया गया और क्या उन्हें संसद सदस्यता से बर्खास्त करने का कोई आधार था या नहीं।’ जर्मनी विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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बता दें कि राहुल गांधी को मानहानि के एक केस में दो साल की सजा सुनाने के 28 घंटे के भीतर लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी। राहुल ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम को लेकर एक टिप्पणी की थी।