जोशीमठ। जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते असुरक्षित हो चुके 75 चिन्हित भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सबसे पहले एनडीआरएफ के दल ने दरारों से ढहने की करार पर पहुंच चुके दो होटलों को गिराने की शुरुआत की जा रही है। दोनों होटलों से सामान खाली किया जा चुका है। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने असुरक्षित भवनों को गिराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम भवनों को ढहाने का काम करेगी। 75 असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
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सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ पहुंची सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है। सबसे पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक लगाए गए हैं।
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आपदा प्रबंधन सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जाएगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं। सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे। भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी।