दिनाँक चार अक्टूबर को जनपद उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 58 प्रशिक्षार्थी डोकरानी बामक ग्लेशियर में एवलांच की चपेट में आने से वहां फंसे हुए है। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवानों ने ग्लेशियर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया है। अभी तक 26 पर्वतरोही निकाल लिये गए हैं, जबकि चार की मौत हो गई है। 28 फंसे पर्वतरोहियों को निकालने के लिए अभियान चल रहा है।

आज सवेरे वायुसेना के हेलीकॉप्टर के द्वारा 06 घायल ट्रेकरों को रेस्क्यू कर मातली हेलीपेड लाया गया है। भारतीय वायु सेना का दूसरा हेलीकॉप्टर अब एवलांच में फसे अन्य लापता पर्वतारोहियों की खोज के लिए रवाना हो गया है। गौरतलब है की अब भी करीब 25 से ज्यादा पर्वतारोही द्रोपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में फंसे हुए है और लापता है। भारतीय वायु सेना के 3 विशेष चोपर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।