क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड से जुड़े खिलाड़ियों को पिछले दो सत्र से डीए नहीं मिला है। यह रकम चार करोड़ से भी ज्यादा है। इसका खुलासा बीसीसीआई के अधिकारियों और कोषाध्यक्ष को भेजे गए मेल से हुआ है। उत्तराखंड की क्रिकेट टीम को रणजी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने वाले कप्तान जय बिष्टा ने बीसीसीआई को मेल लिखकर पिछले दो सत्र से डीए नहीं मिलने की बात कही है। इस बारे में सीएयू का कहना है कि बीसीसीआई की ओर से एसोसिएशन को ग्रांट नहीं मिलती है। बोर्ड की ओर से ही मैच फीस लेकर डीए का भुगतान किया जाता है। इस तरह बीसीसीआई पर खिलाड़ियों का करीब तीन से चार करोड़ रुपये बकाया हैं।
रविवार को उत्तराखंड रणजी टीम के कप्तान और प्रो खिलाड़ी जय बिष्टा ने बीसीसीआई के अधिकारियों और कोषाध्यक्ष को संबोधित करते हुए मेल लिखा। इसमें उन्होंने लिखा है कि 2020-2021 और 2021-2022 सीजन के लिए बीसीसीआई के मानदंडों के तहत भत्ता नहीं मिला है। एसोसिएशन से इस बारे में बात की गई तो अवगत कराया गया कि बीसीसीआई ने ऐसी कोई राशि नहीं भेजी है। बकौल बिष्टा कोविड के इस दौर में हमारे जैसे पेशेवर खिलाड़ी के लिए पैसों की सख्त जरूरत है ऐसे में आपसे अनुरोध है कि जो भी राशि देय है उसका भुगतान कराया जाए। साथ ही बिष्टा ने मेल में यह भी जिक्र किया है कि भत्तों को हासिल करने के लिए जो भी दस्तावेज या कागजात जमा कराने हैं उसके बारे में अवगत करा दिया जाए। इस बारे में सीएयू के सचिव महिम वर्मा का कहना है कि नए राज्यों को बीसीसीआई की ओर से कोई ग्रांट नहीं दी जाती है। बोर्ड डायरेक्ट ग्रांउड से लेकर खिलाड़ियों को भुगतान करता है। बीसीसीआई को इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से जरूरी दस्तावेज भेजे जा चुके हैं। उधर, जानकारी मिली है कि अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को डीए का भुगतान नियमित अंतराल पर हो रहा है।
खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रतिदिन मिलता है डीए
– क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े खिलाड़ियों को दो हजार प्रतिदिन के हिसाब से कैंप और मैच के दौरान डीए दिया जाता है। इसके अलावा जज अंडर-19 और अंडर-16 बोर्ड मैच खेलने वाले और एसोसिएशन की ओर से आयोजित कैंप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को 1500 रुपये डीए देय होता है।
चार करोड़ से ज्यादा है डीए की रकम
रणजी टीम के 30 खिलाड़ी और इसी तरह अंडर-25, अंडर-19, अंडर-16 के साथ ही महिला खिलाड़ियों की संख्या जोड़ ली जाए तो यह करीब 210 खिलाड़ी होते हैं, जिन्होंने कैंप से लेकर मैच में हिस्सा लिया होता है। एसोसिएशन की ओर से बोर्ड टूर्नामेंट और कैंप का औसत निकाला जाए तो साल में तकरीबन 120 दिन खिलाड़ी डीए पाने के हकदार होते हैं। इस लिहाज से पुरुष सीनियर और महिला सीनियर टीम के 90 खिलाड़ियों का 120 दिन का डीए ही करीब दो करोड़ हुआ। इसी तरह अंडर-19 और 16 के 120 खिलाड़ियों का 1500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 120 दिन का डीए भी करीब दो करोड़ रुपये हुआ।