उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी के प्रबल दावेदारों के तौर पर सियासी फिजाओं में कईं नाम तैर रहे हैं। कईं दावेदार रेस में हैं- कुछ विधायक हैं तो कुछ सांसद हैं हालाकि अगर रेस मे सबसे आगे दौड़ रहे नामों की बात करें तो वो होंगा कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी , विधायक धन सिंह रावत और लोकसभा सांसद अजय भट्ट का क्यों सीएम पद के लिए इन नामों को लेकर कयास लग रही है, समझते हैं..शुरुआत करेंगे धामी से।
1) पुष्कर सिंह धामी- खबरों के मुताबिक धामी इस समय अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ा चेहरा हैं। भाजपा संगठन के भीतर ही मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम की पैरवी चल रही है। जानकारी के मुताबिक भाजपा के कईं नेता आलाकमान पर फिर से धामी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रेशर बना रहे हैं। संसदीय बोर्ड और केंद्र की बैठक में भी धामी पर राजी करवाने की आलाकमान को कोशिश की गई है।धामी के लिए 6 विधायक विधायकी छोड़ने को भी तैयार हैं। इसके अलावा धामी को सीएम बनाए जाने के पक्ष में यह तर्क भी दिया जा रहा है कि चुनाव के दौरान उनके पास इतना समय नहीं था कि वह अपनी विधानसभा सीट पर समय देते। उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। उनकी पहले की जीत इस तर्क को बल भी देती है. और सबसे महत्वपूर्ण बात धामी के चेहरे पर ही संगठन ने युवा नेतृत्व का कार्ड भी खेला है। हालाकि उन्हे टक्कर दे रहे हैं श्रीनगर विधानसभा सीट से विधायक धन सिंह रावत
2) धन सिंह रावत- धन सिंह रावत ने कांटे के मुकाबले में कांग्रेस के गणेश गोडियाल को हराया है. धन सिंह रावत को 29618 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के गणेश गोडियाल को 29031 वोट मिले. इस तरह से उन्होंने 587 वोट से कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया. खास बात ये है कि . इससे पहले जब जुलाई 2022 में भाजपा सीएम बदल रही थी तब भी धन सिंह रावत का नाम नए मुख्यमंत्री के लिए उठा था। हालाकि तब धामी बाजी मार ले गए थे, देखना ये है कि इस दफा दोनो मे किसे सीएम बनाया जाता है। उधऱ खबरें ऐसी भी हैं कि रेस में बीजेपी के दिग्गज नेता और लोकसभा सांसद अजय भट्ट भी हैं।
3) अजय भट्ट- उत्तराखंड के नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा से सांसद अजय भट्ट भाजपा के बेहद वरिष्ठ और कर्मठ नेता माने जाते हैं। संगठन पर उनकी पकड़ और कार्यशैली को भी 2017 मे भाजपा को मिली एक तरफा जीत की बड़ी वजह मानी जाती है। अजय भट्ट 2019 में 17वीं लोकसभा में नैनीताल-ऊधमसिंहनगर से पहली बार सांसद चुने गए। इस चुनाव में उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे दिग्गज को लगभग साढ़े तीन लाख वोटों से हराया और इसी के साथ प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले सांसद बने। कईं अहम दायित्व वो निभा चुके है औऱ निभा रहे हैं इसलिए उत्तराखंड की कमान उन्हे सौंपी जा सकती है। भट्ट के अलावा फिर अगर कोई दूसरा चहरा इतना मजबूत है तो वो है कैनिनेट मंत्री सतपाल महाराज , कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूरी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का.
सीएम कुर्सी के और भी हैं दावेदार
खबरों के मुताबिक अगर पुष्कर सिंह धामी, धन सिंह रावत और अजय भट्ट को कमान नही सौंपी जाती तो जिसे जिम्मा मिल सकता है वो हो सकते हैं सतपाल महाराज।
सतपाल महाराज- कांग्रेस से भाजपा में गए सतपाल महाराज 2017 में चौबट्टाखाल सीट से जीत हासिल कर कैबिनेट मंत्री बने थे। एक बार फिर महाराज चौबट्टाखाल सीट से बीजेपी के टिकट पर जीते हैं. उन्होंने लगभग 10 हजार वोटों से कांग्रेस के केसर सिंह को हराया है. उनका राजनीतिक अनुभल और दबदबा उन्हे सीएम रेस मे आगे रखता है। हालाकि उनके अलावा रेस में बीजेपी के कद्दावर नेता भुवन चन्द्र खण्डूरी की बेटी ऋतु खंडूरी भी दौड़ रही हैं, वही ऋतु खंडूरी जिन्होने अपने पिता की हार का बदला लिया है।
ऋतु खंडूरी- कोटद्वार विधानसभा सीट से भुवन चन्द्र खण्डूरी की बेटी और बीजेपी प्रत्याशी ऋतु खंडूरी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नेगी को शिकस्त दी। 2012 में खंडूरी को मुख्यमंत्री रहते हुए सुरेंद्र सिंह नेगी ने हराया था। जानकारों की मानें तो जिस तरह प्रदेश मे युवा कार्ड खेला गया है वैसे ही महिला कार्ड भी खेला जा सकता है। इसलिए भी ऋतु खंडूरी सीएम रेस में आगे है हालाकि अगर सांसदों मे देखा जाए तो फिर अजय भट्ट के अलावा राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी सामने आ रहा है ।