Uttarakhand crime new: लोन लेने के नाम पर बैंकों से 24 करोड़ की धोखाधड़ी

देहरादून : दूसरों की भूमि फर्म की दर्शाकर करोड़ों रुपये का ऋण लेने के मामले में सीबीआइ ने कारोबारियों व उनकी फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों ने बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। इनमें एक मामला 21 करोड़ की धोखाधड़ी का है तो दूसरा तीन करोड़ रुपये का। आरोप है कि आरोपितों ने लोन लेने के लिए जो प्रापर्टी बैंक में दर्शायी वह उनके नाम पर नहीं है, या फिर इसे बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है। पहला मामले की शिकायत सीबीआई की गाजियाबाद शाखा को बैंक आफ इंडिया, मेरठ ब्रांच के चीफ मैनेजर आशीष अग्रवाल ने की है। उनका कहना है कि उन्होंने वर्ष 2011 में 21 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट ली थी। इसके जरिये यह कारोबार कर रहे थे, लेकिन 2014 के बाद उन्होंने बैंक की किश्तें भरनी बंद कर दीं।
दूसरे मामले में पंजाब नेशनल बैंक चंद्र नगर के मैनेजर नीरज निर्निमेश ने भी सीबीआई से शिकायत की है। उनके अनुसार रामपुर के कारोबारी नर्गिस बिलाल और मुसर्रत अली निवासी सिविल लाइन, रामपुर ने व्यापार बढ़ाने के लिए जून 2017 में बैंक से फर्जी तरीके से तीन करोड़ रुपये का लोन लिया था। आरोपितों ने ऋण लेने के ग्राम पीपलहेड़ा ग्राम वृद्धा एन्क्लेव, परगना डासना, गाजियाबाद स्थित एक प्रापर्टी के दस्तावेज लगाए थे, वह प्रापर्टी किसी दूसरे के नाम पर दर्ज निकली। आरोप है कि इसमें उनके साथ कुछ सरकारी कर्मचारी भी मिले हुए थे।

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