नई दिल्ली। बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। इन दंगों और प्रदर्शनों के बीच अल्पसंख्यक समुदाय खास तौर पर निशाने पर आ गया है। इस तनावपूर्ण माहौल में शरीफ उस्मान के भाई शरीफ उमर हादी ने एक बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है। उन्होंने सीधे तौर पर यूनुस की अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे एक गहरी साजिश करार दिया है।
शरीफ उमर हादी का कहना है कि यह सब फरवरी में होने वाले आम चुनावों से पहले देश का माहौल खराब करने के लिए किया गया है। वे ढाका के शाहबाग इलाके में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और वहां मौजूद भीड़ को संबोधित किया। उमर हादी ने भावुक और आक्रोशित लहजे में कहा कि उस्मान किसी के आगे झुकने वाला नहीं था। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने उस्मान हादी को मार दिया और अब आप इसी को मुद्दा बनाकर चुनाव को टालने की कोशिश कर रहे हैं जो एक सोची समझी चाल है।
उमर हादी ने जोर देकर कहा कि उस्मान हमेशा से चाहता था कि फरवरी में चुनाव हों और लोकतंत्र बहाल हो। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि वह तुरंत इस संदर्भ में कदम उठाए और चुनावी प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करे। उमर हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर भी निशाना साधा और यूनुस सरकार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हत्यारोपी के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि चुनाव प्रभावित न हो सकें। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला तो एक दिन उन्हें भी बांग्लादेश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ेगा क्योंकि अब जनता चुप नहीं बैठेगी।
मामले की पृष्ठभूमि यह है कि शरीफ उस्मान हादी इंकलाब मोंचो का प्रवक्ता था। यह संस्था 2024 में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट करने के बाद अस्तित्व में आई थी। 12 दिसंबर को ढाका में कुछ बाइक सवार हमलावरों ने शरीफ के सिर में गोली मार दी थी। उन्हें गंभीर हालत में तुरंत एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था लेकिन वहां इलाज के दौरान 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। शरीफ की मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी है। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कई अखबारों के दफ्तरों समेत अनेक इमारतों को आग के हवाले कर दिया है जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है।