बठिंडा। पंजाब के बठिंडा और मानसा जिलों में किसानों का गुस्सा एक बार फिर सड़कों पर दिखाई देने लगा है। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की अगुवाई में किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने डीसी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और एक बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी बातें नहीं सुनी गईं तो कल यानी शनिवार को वे रेल रोको आंदोलन शुरू कर देंगे।
प्रदर्शन के दौरान प्रदेश कमेटी सदस्य बलवंत महाराज ने सरकार पर किसानों की जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने शंभू बॉर्डर पर चले लंबे आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान किसानों को भारी आर्थिक और मानसिक नुकसान उठाना पड़ा था। बलवंत महाराज ने बताया कि आंदोलन के दौरान कई किसान शहीद हो गए थे। उनके परिवारों को सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे गए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किए गए लेकिन भगवंत मान सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी समस्याएं सुनने के बजाय उल्टे उन्हें परेशान कर रही है। बलवंत महाराज ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे को लेकर किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो 20 दिसंबर को किसान मजबूर होकर रेल रोको आंदोलन करेंगे और रेलवे पटरियों पर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने साफ कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
जिला प्रधान पुरुषोत्तम महाराज ने भी केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। उन्होंने संसद में लाए जा रहे बिजली संशोधन बिल 2025 को आम जनता की जेब पर सीधा हमला बताया। उनका कहना था कि यह बिल बिजली व्यवस्था को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने की एक बड़ी साजिश है। उन्होंने स्मार्ट मीटरों को भी इसी जनविरोधी नीति का हिस्सा बताया और कहा कि आम लोग इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। पुरुषोत्तम महाराज ने पंजाब सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पूरे मुद्दे पर राज्य सरकार की चुप्पी यह साबित करती है कि वह भी इस बिल के समर्थन में खड़ी है।
किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार ने जल्द बातचीत शुरू नहीं की और उनकी मांगों का समाधान नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान बठिंडा और मानसा जिलों के कई किसान नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।