मंडी/नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंडी में आयोजित भव्य ‘जनसंकल्प सम्मेलन’ में एक बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली। सरकार अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रही थी, लेकिन मंच पर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार की गैरमौजूदगी ने सबको चौंका दिया। छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह का परिवार इस महत्वपूर्ण आयोजन में शामिल नहीं हुआ। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उनकी माता व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सरकार के इस मेगा शो से दूरी बनाए रखी।
वीरवार को मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता और प्रभारी मौजूद थे, लेकिन वीरभद्र परिवार का नदारद रहना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। सरकार के ही एक कैबिनेट मंत्री का अपने विभाग और सरकार के जश्न में शामिल न होना सामान्य बात नहीं मानी जा रही है। अंदरखाने अब यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या वीरभद्र सिंह का परिवार राज्य सरकार या संगठन के फैसलों से नाराज चल रहा है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि हाल ही में हिमाचल कांग्रेस में हुए संगठनात्मक बदलाव भी इस दूरी की वजह हो सकते हैं। विनय कुमार को नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके समर्थक इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले पूरे परिवार का निजी दौरे पर चले जाना इन चर्चाओं को और हवा दे गया है।
जानकारी के मुताबिक, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह बुधवार को ही अपने परिवार के साथ विदेश दौरे पर रवाना हो गए। इस निजी विदेश यात्रा में उनकी पत्नी डा. अमरीन कौर और मां प्रतिभा सिंह भी उनके साथ हैं। यही कारण है कि वीरवार को मंडी में हुए कार्यक्रम में उनकी कुर्सी खाली नजर आई। हालांकि, यह दौरा निजी बताया जा रहा है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
विदेश रवाना होने से पहले दिल्ली में हुए एक घटनाक्रम ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। बताया जा रहा है कि विदेश जाने से ठीक पहले प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि 10 जनपथ पर हुई यह मुलाकात काफी लंबी चली। इस दौरान प्रतिभा और विक्रमादित्य ने सोनिया गांधी के साथ हिमाचल प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक माहौल, संगठन में हुए बदलावों और भविष्य की रणनीतियों को लेकर विस्तार से मंत्रणा की।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वीरभद्र परिवार ने आलाकमान के सामने अपनी कोई बात रखी है? बहरहाल, मंडी के मंच पर वीरभद्र सिंह के फोटो और कटआउट तो नजर आए, लेकिन उनकी विरासत संभालने वाले वारिसों की अनुपस्थिति ने सरकार के जश्न के बीच एक अनुत्तरित सवाल जरूर खड़ा कर दिया है।
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