चंडीगढ़/पंजाब। पंजाब में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे किसानों द्वारा आज ट्रेनों का चक्का जाम करने के ऐलान के बाद पूरे राज्य में तनाव का माहौल देखा गया। किसानों की घोषणा के बाद पंजाब पुलिस और रेलवे प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गया। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए आंदोलन को विफल करने के लिए राज्य भर में व्यापक अभियान चलाया, जिसके तहत बड़ी संख्या में किसानों को हिरासत में लिया गया। रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई और पटरियों की ओर जाने वाले रास्तों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
फिरोजपुर में पुलिस और किसानों के बीच रस्साकशी
फिरोजपुर में प्रशासन ने किसानों को रेलवे स्टेशन के अंदर घुसने से रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए थे। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और पंजाब पुलिस ने स्टेशन के मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी थी, ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी अंदर न जा सके। पुलिस ने बस्ती टैंका वाली के पास भी पहरा बिठाया था ताकि किसान पटरियों पर न बैठ सकें। हालांकि, पुलिस की तमाम नाकाबंदी के बावजूद किसानों ने चकमा दे दिया। सैकड़ों की संख्या में किसान बस्ती टैंका वाली की ओर से गुजरने वाले रेल ट्रैक पर पहुंच गए और वहां धरना शुरू कर दिया।
इस दौरान पुलिस और रेलवे प्रशासन ने सतर्कता बरती। जब एक ट्रेन वहां से गुजरने वाली थी, तो पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को एक ट्रैक पर रोके रखा और ट्रेन को सुरक्षित दूसरे ट्रैक से फिरोजपुर छावनी रेलवे स्टेशन की तरफ रवाना कर दिया। किसानों ने स्पष्ट किया कि उनका यह सांकेतिक धरना दो घंटे का था, लेकिन अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानीं तो आंदोलन को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
संगरूर में पुलिस को चकमा देकर ट्रैक पर बैठे किसान
संगरूर में पुलिस ने आंदोलन को कुचलने के लिए सुबह से ही कमर कस ली थी। पुलिस ने किसान नेताओं को उनके घरों और गांवों में ही रोकने की कोशिश की। सुनाम रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी की गई थी। इसके बावजूद भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद के सैकड़ों कार्यकर्ता पुलिस की घेराबंदी तोड़कर छाजली रेलवे स्टेशन पहुंच गए। सुनाम की जगह छाजली में ट्रैक पर बैठकर किसानों ने जोरदार नारेबाजी की। हालांकि, कुछ ही देर बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों तरफ से घेरा डालकर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। किसान नेता जसवीर सिंह मेदेवास ने कहा कि पुलिस ने हर रास्ता बंद किया था, लेकिन किसान खेतों के रास्ते ट्रैक तक पहुंचने में सफल रहे। इस दौरान जगदेव शर्मा, कुलविंदर धूरी और हरभगवान सिंह जैसे कई नेताओं को हिरासत में लिया गया।
जालंधर और मोगा में पुलिस की सख्ती
मोगा और जालंधर में भी पुलिस का सख्त पहरा रहा। मोगा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही भारी पुलिस बल ने इलाके को घेर लिया और मौके पर पहुंचे किसानों को हिरासत में ले लिया। वहीं, जालंधर के कैंट रेलवे स्टेशन पर भी भारी हंगामा देखने को मिला। यहां किसान नेता मनजीत राय अपने साथियों के साथ स्टेशन के अंदर जाकर धरना देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने स्टेशन के सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस ने मनजीत राय और उनके साथियों को स्टेशन पहुंचने पर तुरंत हिरासत में ले लिया। इसी तरह अमृतसर में भी पुलिस ने किसानों को ट्रैक तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया, जिसके बाद किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।