Cricket: घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने से भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन, गावस्कर ने लगाई लताड़

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 30 रन की शिकस्त के बाद भारतीय बल्लेबाजों की कड़ी आलोचना की है। भारतीय टीम 124 रन के अपेक्षाकृत छोटे लक्ष्य का पीछा करने में विफल रही और मात्र 93 रन पर ऑलआउट हो गई, जिससे वह दो मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ गई। इस मैच में भारतीय कप्तान शुभमन गिल गर्दन में दर्द के कारण दूसरी पारी में हिस्सा नहीं ले सके, जिसके कारण मेजबान टीम को 10 बल्लेबाजों के साथ ही खेलना पड़ा।

गावस्कर ने निकाली भड़ास: घरेलू क्रिकेट की कमी पर चिंता

गावस्कर ने भारतीय पारी के लड़खड़ाने का मुख्य कारण घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की कम भागीदारी को बताया। लिटिल मास्टर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “हमारे कई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेले। अगर आप घरेलू क्रिकेट खेलते तो इस तरह की पिच मिलती। सही है ना? घरेलू स्तर पर टीमें अंक हासिल करने की कोशिश करती हैं ताकि रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट में क्वालीफाई कर सके, जिसका मतलब है कि वहां ऐसी पिचें हैं, जहां गेंद पर अच्छी ग्रिप बन रही है और थोड़ा टर्न भी मौजूद है।”

गावस्कर ने आगे कहा, “हमारे किसी खिलाड़ी ने यह जानकर भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेला। कितने खिलाड़ी हैं, जो रणजी ट्रॉफी मैच खेले?” महान क्रिकेटर ने चिंता जताई कि खिलाड़ी अक्सर “वर्कलोड मैनेजमेंट” का हवाला देकर घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करते हैं, जो उनकी बल्लेबाजी पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, खासकर चुनौतीपूर्ण पिचों पर।

गावस्कर की अहम सलाह: रणजी ट्रॉफी खेलने वाले खिलाड़ियों को मिले मौका

सुनील गावस्कर ने टीम प्रबंधन को अहम सलाह देते हुए कहा कि उन्हीं खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए, जो रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। गावस्कर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लेते। क्योंकि वो वर्कलोड की बात करते हैं। वर्कलोड सिर्फ एक शब्द है। वो खेलना नहीं चाहते। अगर फॉर्म में नहीं हुए तो ही रणजी ट्रॉफी खेलेंगे। वरना नहीं खेलेंगे।”

पूर्व कप्तान ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “आपने अगर ऐसी पिच तैयार कराई, जिसमें अच्छा टर्न मौजूद है तो आपको ऐसे खिलाड़ी चुनने चाहिए, जो घरेलू क्रिकेट खेलते हों। हमें असल में ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत नहीं, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले और ऐसी पिच पर खेलने के आदी नहीं हों।” गावस्कर का यह बयान भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है, जो युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट के महत्व को समझने के लिए प्रेरित कर सकता है। उनका मानना है कि घरेलू स्तर पर कठिन पिचों पर खेलने का अनुभव ही खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

भारत को सीरीज में बराबरी की उम्मीद

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा व अंतिम टेस्ट शनिवार से गुवाहाटी में खेला जाएगा। टीम इंडिया की कोशिश कोलकाता की निराशा को भुलाकर सीरीज बराबर करने की होगी। इस मैच में भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी में विशेष सुधार करना होगा, जिसकी पोल ईडन गार्डन्स पर पूरी तरह खुल गई। गावस्कर की टिप्पणियां निश्चित रूप से टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों पर घरेलू क्रिकेट में अधिक भागीदारी के लिए दबाव डालेंगी, ताकि भविष्य में ऐसे शर्मनाक प्रदर्शन से बचा जा सके।

 

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