नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से भारत और रूस कई महत्वपूर्ण समझौतों, पहलों और परियोजनाओं को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहे हैं। इन्हीं तैयारियों के तहत, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को मास्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक बातचीत की। पुतिन के पांच दिसंबर के आसपास भारत आने की उम्मीद है, और उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को नया आयाम देने वाली है।
जयशंकर का रूस में संबोधन
मास्को में अपने संबोधन में, जयशंकर ने आगामी 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह विशेष अवसर मेरे लिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय समझौतों, पहलों और परियोजनाओं पर चर्चा चल रही है, और दोनों पक्ष आने वाले दिनों में इनके अंतिम रूप दिए जाने की आशा करते हैं। जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि ये पहलें निश्चित रूप से दोनों देशों की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती तथा स्वरूप प्रदान करेंगी।
भारत शांति स्थापित करने के पक्ष में
यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत शांति स्थापित करने के हालिया प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष इस लक्ष्य को रचनात्मक रूप से प्राप्त करेंगे। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि “संघर्ष का शीघ्र समापन और स्थायी शांति सुनिश्चित करना पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।” यह बयान वैश्विक मंच पर भारत की तटस्थ और शांतिप्रिय भूमिका को दर्शाता है, खासकर जब यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक विभाजन स्पष्ट है।
विदेश मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत-रूस संबंध लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण कारक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन संबंधों का विकास और मजबूती न केवल दोनों देशों के पारस्परिक हित में है, बल्कि विश्व के हित में भी है। यह बयान दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों, रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व को दर्शाता है, जो दशकों से चले आ रहे हैं।
तीन दिवसीय रूस यात्रा पर जयशंकर
जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे। वह मंगलवार को इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान, वह बुधवार को कजान और एकातेरिनबर्ग में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का वर्चुअल उद्घाटन भी करेंगे। रूस में पहले से ही सेंट पीटर्सबर्ग और व्लादिवोस्तोक में भारतीय वाणिज्य दूतावास हैं, और इन नए दूतावासों के खुलने से दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क और व्यापारिक संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
पुतिन की आगामी भारत यात्रा और जयशंकर की मास्को यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों की गहराई और महत्व को रेखांकित करती है। वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलावों के बावजूद, भारत और रूस अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो दोनों देशों के साझा हितों और क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। यह यात्रा रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसरों को खोलने की संभावना रखती है।
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