शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां से 66 गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों को राज्य के 10 जिलों में विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर तैनात किया जा रहा है, जिनमें शिमला, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, कुल्लू, सिरमौर, सोलन और चंबा शामिल हैं। 18.42 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए इन वाहनों में 35 इलेक्ट्रिक वाहन, 14 इंटरसेप्टर वाहन, 10 रेकर वाहन और 7 डब्लूडी डीजल वाहन शामिल हैं। यह पहल राज्य में कानून व्यवस्था और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करना नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित और आपदा-प्रतिरोधी परिवहन प्रणाली विकसित करना भी है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार कमी आई है। यह एक सकारात्मक प्रवृत्ति है जो संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
उन्होंने टिप्पणी की कि यह सकारात्मक बदलाव पुलिस, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश सड़क और अवसंरचना विकास निगम, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से ही संभव हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि रेकर वाहनों की तैनाती से दुर्घटनाओं के बाद वाहनों को तुरंत हटाकर सड़कों पर सामान्य यातायात बहाल करने में मदद मिलेगी। यह आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा।
सुक्खू ने कहा कि सरकार जल्द ही एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली के तहत हमीरपुर में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक सड़क सुरक्षा नियंत्रण और कमांड सेंटर स्थापित करेगी। यह केंद्र राज्य भर में स्थापित किए जा रहे आधुनिक कैमरों से जुड़ा होगा। पुलिस विभाग इस प्रणाली का उपयोग ई-चालान, यातायात निगरानी और सड़कों पर अनुशासन व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करेगा। यह केंद्र न केवल सड़क सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने में भी मदद करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परिवर्तन परियोजना के तहत राज्य में कई सड़क सुरक्षा सुधार किए जा रहे हैं। परियोजना के तहत पुलिस विभाग के लिए 3,373 सड़क सुरक्षा प्रवर्तन उपकरण खरीदने पर लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिन्हें 10 जिलों में वितरित किया जाएगा ताकि सड़क सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके। यह आधुनिक उपकरणों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हिमाचल प्रदेश पुलिस को देश में नंबर एक बनाने के लिए पुलिस विभाग को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पुलिस विभाग में 1,200 कांस्टेबलों की भर्ती की गई है और आठ साल बाद, राज्य सरकार पुलिस पदोन्नति के लिए बी-1 परीक्षा आयोजित कर रही है।” उन्होंने कहा कि विभाग राज्य भर में नशीले पदार्थों के खतरे पर अंकुश लगाने के लिए सराहनीय काम कर रहा है और इसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू कर रहा है। यह पुलिस बल के आधुनिकीकरण और उसकी दक्षता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को उजागर करता है।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, नीरज नायर और विवेक शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पंत, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह कार्यक्रम राज्य में सड़क सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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