शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां मत्स्य पालन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग को मछली उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक को शामिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस व्यवसाय से जुड़े किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए नदियों और जलाशयों के किनारे नई हैचरी और कोल्ड स्टोर स्थापित करेगी। उन्होंने विभाग को राज्य भर में नए कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए उपयुक्त भूमि पार्सल की पहचान करने का निर्देश दिया। यह पहल मछुआरों और किसानों को अपने उत्पादों को बेहतर ढंग से संरक्षित करने में मदद करेगी।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दे रही है और इस संबंध में मत्स्य पालन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभाग को किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें सहायता और आधुनिक तकनीक प्रदान करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार विभिन्न मत्स्य पालन संबंधी उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी देकर किसानों का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग को किसानों के लिए आधुनिकG तरीकों, बेहतर बीज किस्मों और मत्स्य पालन क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए, ताकि वे इस क्षेत्र में हुई प्रगति से लाभान्वित हो सकें। यह सुनिश्चित करेगा कि किसान नवीनतम तकनीकों से अवगत हों।
मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अगले सीजन से राज्य भर के बांधों और जलाशयों में मछली के बीज के भंडारण को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विभाग को इस अभ्यास के लिए तैयार रहने और अगले साल के लिए बीज आवश्यकताओं का आकलन करने का निर्देश दिया। यह सुनिश्चित करेगा कि पर्याप्त मछली का उत्पादन हो सके।
सुक्खू ने कहा कि राज्य में मछली उत्पादन बढ़ रहा है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 19,019 मीट्रिक टन मछली उत्पादन दर्ज किया गया था, जबकि इस साल अक्टूबर तक 7773 मीट्रिक टन मछली उत्पादन हासिल किया गया है। हिमाचल प्रदेश ट्राउट मछली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और राज्य सरकार ट्राउट मछली पालने वालों के लिए एक कोष स्थापित करेगी ताकि प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवजा प्रदान किया जा सके। यह ट्राउट मछली पालने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा जाल प्रदान करेगा।
बैठक में राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, नीरज नैयर, मलेंद्र राजन और विवेक शर्मा, मत्स्य पालन निदेशक विवेक चंदेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। यह बैठक राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।