नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने पिछले 50 सालों के सभी अधिनियमों, नियमों, बुनियादी ढांचे, दिशानिर्देशों और मानदंडों का एक संकलन (कंपेंडियम) तैयार किया है, ताकि उन्हें एक ही विंडो प्रणाली के माध्यम से आम जनता को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज सरकार और ठेकेदारों व कार्यकारी एजेंसियों सहित अन्य हितधारकों दोनों के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और पहुंच बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण है और कदाचार तथा प्रक्रियात्मक अनुपालनों पर अंकुश लगाएगा। अब लोगों को लोक निर्माण विभाग के कार्यों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेज प्राप्त करने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसमें लोक निर्माण विभाग के सभी वर्टिकल शामिल हैं, जिनमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, वास्तुकला विंग आदि शामिल हैं और इसमें वित्तीय पहलू भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन में पारदर्शिता, दक्षता और डिजिटलीकरण पर बढ़ते जोर के साथ एक अद्यतन व्यापक और उपयोगकर्ता के अनुकूल संदर्भ की आवश्यकता थी। सभी प्रासंगिक अधिनियमों, नियमों और दिशानिर्देशों का संहिताकरण सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार और विभागीय प्रथाओं को आधुनिक प्रशासनिक अपेक्षाओं के साथ संरेखित करने के लिए आवश्यक था।
लोक निर्माण मंत्री, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क निर्माण, सुरक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न अधिनियमों, नियमों और मानदंडों को तैयार और संकलित किया है। इसका उद्देश्य जनता को बेहतर, सुरक्षित और आसान परिवहन सुविधाएं प्रदान करना है।
लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने शनिवार शाम को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि यह संकलन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी सुविधा प्रदान करेगा। इस संकलन का पालन करके, वे बेहतर कौशल के साथ सार्वजनिक सेवा कार्यों की योजनाओं को प्रभावी ढंग से निष्पादित करेंगे, साथ ही अधिनियमों, नियमों, दिशानिर्देशों और विभाग के कामकाज से संबंधित जानकारी जनता को एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी।