शिमला। शिंकुला, बारालाचा, कुंजुम दर्रा और धौलाधार सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर गुरुवार को हल्का हिमपात हुआ। शिमला और कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में ओलावृष्टि भी दर्ज की गई। इससे अधिकतम तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है, जिससे राज्य में ठंड बढ़ गई है।
सबसे अधिक तापमान गिरावट भरमौर में 10.8 डिग्री सेल्सियस और सोलन में 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई है। मंडी में 16 मिलीमीटर, शिमला में 11 मिलीमीटर और भुंतर व नारकंडा में पांच-पांच मिलीमीटर वर्षा हुई। हिमपात और वर्षा के बीच न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जिससे सुबह और शाम की ठंड में इजाफा हुआ है।
कुल्लू में गुरुवार दोपहर बाद बूंदाबांदी हुई। गड़सा घाटी के कई क्षेत्रों में ओलों की परत बिछने से फसलों, खासकर जापानी फल, टमाटर, मटर और शिमला मिर्च को काफी नुकसान हुआ है। भुंतर से मणिकर्ण मार्ग पर छन्नी खोड में नाले का मलबा आने से सड़क पर करीब तीन घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही बंद रही। इस दौरान पांच वाहन फंस गए, जिससे दोनों ओर लंबी लाइनें लग गईं।
औट-लुहरी-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर 10280 फीट की ऊंचाई पर स्थित जलोड़ी जोत में हल्का हिमपात हुआ, जिसके कारण वाहनों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। मंडी में दोपहर बाद वर्षा हुई। मंडी की सराज घाटी की ऊपरी पहाड़ियों पर ओलावृष्टि हुई। वहीं, रोहतांग दर्रा देखने कई पर्यटक फोर बाय फोर वाहनों में पहुंचे। सामान्य पर्यटक वाहन रोहतांग दर्रे से चार से पांच किलोमीटर पहले तक ही पहुंच पाए।
रोहतांग दर्रे के लिए गुरुवार को डीजल इंजन के 231 और पेट्रोल के 262 वाहनों के परमिट बुक हुए, और यह संख्या जून के बाद से सबसे अधिक रही। लगभग आठ से 10 हजार पर्यटक रोहतांग दर्रे सहित मढ़ी और कोकसर में पहुंचे। मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है, लेकिन आने वाले दिनों में सुबह और शाम ठंड बढ़ने की संभावना है।
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