नई दिल्ली: नेपाल की नवनियुक्त कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को घोषणा की है कि हाल के जेन-जी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों को ‘बलिदानी’ घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही, उनके परिजनों को 10 लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। कार्की ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले सप्ताह सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देशभर में हुई हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
73 वर्षीय सुशीला कार्की ने रविवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे काठमांडू के सिंह दरबार सचिवालय में नवनिर्मित गृह मंत्रालय भवन में प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया।[] उन्हें राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने जेन-जी समूह की सिफारिश पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। जेन-जी समूह ने विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से मंगलवार को केपी शर्मा ओली सरकार को उखाड़ फेंका था।[]
हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा – कार्की
पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्की ने कहा, “हिंसा और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति की तोड़फोड़ में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 9 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ सुनियोजित थी, जो एक आपराधिक कृत्य है, और जेन-जी प्रदर्शनकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे।] उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए।[]
प्रधानमंत्री कार्की ने मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल को देशभर में नष्ट हुई पुलिस चौकियों की मरम्मत का प्रबंध करने का भी निर्देश दिया। चूंकि आंदोलन के दौरान सिंह दरबार सचिवालय स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दी गई थी, इसलिए सिंह दरबार परिसर में गृह मंत्रालय के लिए नवनिर्मित भवन का उपयोग प्रधानमंत्री कार्यालय के रूप में किया जाएगा।
प्रदर्शन में मृतकों की संख्या 72 हुई
नेपाल में जेन-जी प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या रविवार को 72 हो गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों में 59 प्रदर्शनकारी, तीन पुलिस अधिकारी और 10 कैदी शामिल हैं जो जेल से भागने का प्रयास कर रहे थे। इस बीच, नेपाल पुलिस ने जेन-जी प्रदर्शनों के दौरान विभिन्न जेलों से भागे 3,723 कैदियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, 10,320 कैदी अभी भी फरार हैं। कुछ कैदी स्वेच्छा से लौट आए, जबकि सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों ने भी उन लोगों को गिरफ्तार करने में मदद की जो भारत भागने की कोशिश कर रहे थे।
चीन ने नेपाल की नई पीएम को बधाई दी
चीन ने सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर रविवार को बधाई दी। चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चीन, कार्की को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देता है। उन्होंने कहा कि चीन और नेपाल के बीच पुरानी मित्रता है और चीन हमेशा की तरह नेपाल के लोगों के फैसले का सम्मान करता है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों को बढ़ावा देने, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान, सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए नेपाल के साथ काम करने के लिए तैयार है।
पृष्ठभूमि: जेन-जी प्रदर्शन और ओली सरकार का पतन
“जेन-जी” (जेनरेशन जेड) उन लोगों को संदर्भित करता है जिनका जन्म आमतौर पर 1997 और 2012 के बीच हुआ है, और ये डिजिटल तकनीक, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ बड़े हुए हैं।[ नेपाल में जेन-जी विरोध प्रदर्शन तब भड़क उठे जब ओली सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, रेडिट और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के खिलाफ हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को जेन-जी समूह की सिफारिश पर अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, और वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। हालांकि, पदभार संभालने के तुरंत बाद ही उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है, क्योंकि जेन-जी प्रदर्शनों में मारे गए युवाओं के परिजन उनके आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और मुलाकात की मांग कर रहे हैं।
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