Nepal: जेन-जी आंदोलन के बीच अंतरिम सरकार पर बनी सहमति, पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की बनेंगी अंतरिम प्रधान – The Hill News

Nepal: जेन-जी आंदोलन के बीच अंतरिम सरकार पर बनी सहमति, पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की बनेंगी अंतरिम प्रधान

वीरगंज (नेपाल)। जेन-जी आंदोलन की तपिश में जल रहे नेपाल में आखिरकार एक नई सुबह की उम्मीद जगी है। देश में गहराते राजनीतिक संकट के बीच देर रात अंतरिम सरकार के गठन और उसके प्रधान के नाम पर सर्वपक्षीय सहमति बन गई है। संविधान के नियमों का पालन करते हुए जेन-जी समूहों की मांगों को पूरा कर नेपाल को इस संकट से उबारने के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधान नियुक्त करने पर सभी दल सहमत हुए हैं।

इस सहमति तक पहुंचने के लिए राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल, और वरिष्ठ कानूनविद ओमप्रकाश अर्याल के साथ लंबी वार्ताएं हुईं। साथ ही, राजनीतिक दलों के साथ भी गहन समन्वय स्थापित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंतरिम सरकार के गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए गए। हालांकि, संसद विघटन के मुद्दे पर अभी भी गतिरोध जारी है और इस पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।

गुरुवार (11 सितंबर 2025) को दिन भर अंतरिम प्रधान को लेकर जेन-जी समूहों में एक राय नहीं बन पाई थी। शाम को सेना मुख्यालय के पास दो गुटों के समर्थकों के बीच झड़प भी हुई, जिससे स्थिति अनियंत्रित होती दिख रही थी। सूत्रों के अनुसार, जेन-जी समूहों ने रात्रि तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचने की स्थिति में शुक्रवार सुबह से आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी थी, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सक्रिय पहल की। उन्होंने सेना प्रमुख और संविधानविदों से परामर्श किया और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी बात की। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड शीतल निवास जाकर राष्ट्रपति से मिले। सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी राष्ट्रपति ने देर रात फोन पर बातचीत की। सभी पक्ष संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप रास्ता निकालने पर सहमत थे। स्थानीय जनता ने भी राष्ट्र भावना, संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा को सर्वोपरि रखने और हर स्थिति में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की बात कही।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कई संविधानविदों ने सुझाव दिया कि आवश्यकता पड़ने पर संक्रमणकालीन व्यवस्था अपनाकर गैर-संसदीय व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। यदि संसद भंग करने की आवश्यकता पड़ी तो उससे पूर्व बैठक बुलाकर संविधान में संशोधन के माध्यम से नागरिक सरकार के विकल्प पर विचार किया जा सकता है। बैठक में संक्रमण काल बढ़ने से उत्पन्न होने वाली स्थिति और संभावित खतरों पर भी चिंता व्यक्त की गई और सेना प्रमुखों से सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया।

इस बीच, गुरुवार रात पूर्व राजा के लौटने की अफवाहें फैलने लगीं और सोशल मीडिया पर कुछ विश्लेषणों के कारण लोगों में आशंकाएं गहराने लगीं। हालांकि, मध्यरात्रि के बाद अंतरिम प्रधान तय होने की खबरों के बीच ये आशंकाओं के बादल छंटने लगे। वहीं, किसी भी आपात स्थिति से निपटने और नागरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से नेपाली सेना ने बख्तरबंद वाहन, नाइट-विजन हेलीकॉप्टर और अतिरिक्त सैनिक तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है। जनता से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की गई है।

 

Pls read:Nepal: नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बीच जेल में गोलीबारी, 12-13 कैदी घायल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *