संगरूर: सावधान! बाजार से कोई भी खाद्य पदार्थ खरीदते समय आपको पूरी समझदारी और सावधानी से काम लेना चाहिए, क्योंकि मार्केट में बिकने वाला हर खाद्य पदार्थ शुद्ध नहीं होता। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला संगरूर के उभावाल रोड पर मौजूद मार्केट में सामने आया है, जहां एक दुकानदार ब्रांडेड कंपनी वेरका और अमूल के नाम पर नकली देसी घी के डिब्बे बेचता पाया गया।
नकली घी का पर्दाफाश
घटना मई महीने की है जब संबंधित कंपनियों की टीम के साथ फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने उक्त दुकान पर चेकिंग की और बरामद किए गए देसी घी की सैंपलिंग की। सैंपलिंग के बाद यह घी नकली पाया गया। इसके बाद उक्त कंपनियों के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर थाना सिटी संगरूर-वन पुलिस ने दुकानदार के खिलाफ धोखाधड़ी, कॉपीराइट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
थाना सिटी संगरूर-वन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक शिकायतकर्ता ने उभावाल रोड पर गुप्ता कांप्लेक्स में मौजूद दुकान से देसी घी खरीदा था। यह घी ठीक न होने की वजह से शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने दुकान पर छापामारी की।
दुकानदार फरार, जांच में नकली निकला घी
छापामारी के दौरान दुकानदार दुकान को ताला लगाकर फरार हो गया। कई दिनों के बाद, टीम ने वेरका और अमूल कंपनी के अधिकारियों को साथ लेकर उक्त सील की गई दुकान पर देसी घी के टेट्रा पैक बरामद किए। इन पैकों के सैंपल भरकर जांच के लिए खरड़ लैब में भेजे गए, जिसमें घी के नकली होने की पुष्टि हुई।
इस उपरांत, वेरका और अमूल कंपनी द्वारा उक्त दुकानदार राकेश कुमार निवासी संगरूर के खिलाफ धोखाधड़ी, कॉपीराइट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया गया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर अगली कार्रवाई आरंभ कर दी है।
नकली देसी घी का सेवन बेहद खतरनाक: डॉ. अमनदीप
डॉ. अमनदीप अग्रवाल ने नकली देसी घी के सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि कोई भी दूषित या मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से शरीर पर इसका बेहद बुरा असर पड़ता है। नकली देसी घी के सेवन से पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है, जिससे पेट में दर्द, अपच और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लंबे समय तक इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, कैंसर का खतरा हो सकता है, लिवर और किडनी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे रैशेज, खुजली और अन्य एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने हमेशा शुद्ध घी का ही सेवन करने की सलाह दी।
यह मामला उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि वे अपनी खाद्य सामग्री खरीदते समय अत्यधिक सावधानी बरतें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदारी करें, ताकि उनके स्वास्थ्य को कोई खतरा न हो। पुलिस और खाद्य विभाग को ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखनी चाहिए।