नई दिल्ली। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद एक भीषण सैन्य संघर्ष में तब्दील हो गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच जेट, तोपखाने और टैंकों से हुए हमलों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। इस खूनी झड़प के बाद अब कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल युद्धविराम की अपील की है, वहीं थाईलैंड ने भी बातचीत के संकेत दिए हैं।
जेट और टैंकों से हुए हमले, 15 की मौत
यह संकट गुरुवार को उस समय चरम पर पहुंच गया, जब दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर आमने-सामने आ गईं और एक-दूसरे पर जमकर हमले किए। यह लड़ाई इतनी भीषण थी कि इसमें जमीनी सैनिकों के साथ-साथ लड़ाकू जेट, तोपखाने और टैंकों का भी इस्तेमाल किया गया। सीमा पर लगातार दूसरे दिन भी घातक हमले जारी रहे।
इन हमलों में अब तक कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें अधिकांश आम नागरिक और एक सैनिक शामिल है। सीमा के कंबोडियाई हिस्से के ओद्दार मींची प्रांत में तोपखाने के हमले में एक 70 वर्षीय नागरिक की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए।
संयुक्त राष्ट्र में उठी युद्धविराम की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कंबोडिया के संयुक्त राष्ट्र राजदूत चिया केओ ने स्पष्ट किया कि उनका देश “बिना किसी शर्त के तत्काल युद्धविराम” चाहता है। उन्होंने कहा कि कंबोडिया इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का पक्षधर है। दूसरी ओर, बैंकॉक (थाईलैंड) ने भी इस मुद्दे पर बातचीत के लिए खुलापन दिखाया है, जिससे तनाव कम होने की उम्मीद जगी है।
भारत ने जारी की यात्रा सलाह
इस बीच, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा सलाह (ट्रैवल एडवाइजरी) जारी की है। दूतावास ने भारतीय नागरिकों और पर्यटकों से सीमा पर चल रही अशांति के कारण सात प्रांतों की यात्रा करने से बचने का आग्रह किया है। इन प्रांतों में उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेट, बुरीराम, सा काओ, चन्थाबुरी और ट्रैट शामिल हैं। दूतावास ने यात्रियों से थाईलैंड के आधिकारिक स्रोतों से लगातार अपडेट लेते रहने की भी सलाह दी है, ताकि वे किसी भी अप्रिय स्थिति से बच सकें।
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