नई दिल्ली/स्कॉटलैंड। अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपने कड़े रुख के लिए जाने जाने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब अपना ध्यान यूरोप की ओर केंद्रित कर दिया है। स्कॉटलैंड में एक दौरे के दौरान उन्होंने यूरोपीय देशों को अप्रवासन रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की सलाह दी और इसे एक “भयानक आक्रमण” करार दिया। ट्रंप का यह बयान उनकी अध्यक्षता के प्रमुख मुद्दों में से एक, यानी आप्रवासन पर उनके दृढ़ और मुखर रुख को दर्शाता है, जिसे अब वह अमेरिकी सीमाओं से बाहर भी ले जा रहे हैं।
‘यूरोप खत्म हो जाएगा’ – ट्रंप की सीधी चेतावनी
स्कॉटलैंड के एक एयर फ़ोर्स स्टेशन पर मीडिया से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “अप्रवासन पर आप सभी को एक साथ एक्शन लेना चाहिए, वरना यूरोप खत्म हो जाएगा। कई देशों के लोग यूरोप में आकर बस रहे हैं। आपको यह ‘भयानक आक्रमण’ रोकना होगा।” ट्रंप ने यह भी दावा किया कि यूरोप में कुछ लोग अप्रवासन को रोकना नहीं चाहते हैं, लेकिन उन्होंने किसी का नाम लेकर उन्हें शर्मिंदा करने से परहेज किया। उनका संदेश साफ था कि यदि यूरोप ने अपनी आप्रवासन नीतियों पर नियंत्रण नहीं किया तो उसका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
अमेरिका का दिया उदाहरण
अपने दावों को पुख्ता करने के लिए ट्रंप ने अपनी सरकार द्वारा अमेरिका में उठाए गए कदमों का हवाला दिया। उन्होंने अमेरिका-मेक्सिको सीमा को प्रभावी ढंग से बंद करने का जिक्र करते हुए कहा, “आपको पता है, पिछले महीने के बाद कोई हमारे देश में नहीं घुस सकता है। हमने कई अवैध प्रवासियों को देश से बाहर भी कर दिया है।” इसके जरिए उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि मजबूत इच्छाशक्ति से आप्रवासन को नियंत्रित किया जा सकता है और यूरोप को भी इसी मॉडल का पालन करना चाहिए।
यूरोप में प्रवासियों की स्थिति
ट्रंप की यह टिप्पणी उस महाद्वीप के लिए है, जहां प्रवासियों की एक बड़ी आबादी रहती है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में लगभग 87 मिलियन (8 करोड़ 70 लाख) अंतरराष्ट्रीय प्रवासी रहते हैं, जो इसे दुनिया में प्रवासियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाता है। ट्रंप का यह बयान यूरोप के भीतर चल रही उस बहस को और हवा दे सकता है, जिसमें कई देश पहले से ही आप्रवासन नीतियों, सीमा सुरक्षा और सामाजिक एकीकरण की चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि जनवरी में अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद से ही ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। उनकी इस नई सलाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आप्रवासन के मुद्दे को केवल एक घरेलू समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती के रूप में देखते हैं और इस पर अपने सहयोगी देशों को भी अपने नजरिए से काम करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
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