नई दिल्ली/वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने उन तमाम मीडिया रिपोर्टों और दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान दौरे की संभावना जताई जा रही थी। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप का फिलहाल पाकिस्तान जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। इस स्पष्टीकरण ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया है, जो पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी मीडिया में छाई हुई थीं।
दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तानी मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रमुखता से चलाई जा रही थी कि राष्ट्रपति ट्रंप सितंबर महीने में पाकिस्तान की यात्रा पर आ सकते हैं। कई रिपोर्ट्स में तो यहाँ तक दावा किया गया था कि ट्रंप इस्लामाबाद का दौरा करने के बाद भारत भी जाएंगे। इन खबरों ने दोनों देशों में राजनयिक और राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी थी। हालांकि, व्हाइट हाउस के खंडन से पहले ही कुछ पाकिस्तानी मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट्स को वापस ले लिया था, जिससे इन दावों की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े हो गए थे।
इस मामले पर पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने भी अनभिज्ञता जाहिर की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें इस तरह के किसी भी दौरे के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
यह उल्लेखनीय है कि आखिरी बार साल 2006 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उसके बाद से किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है, जिसके चलते ट्रंप के संभावित दौरे की खबर को काफी महत्व दिया जा रहा था।
व्हाइट हाउस ने इन अफवाहों को खारिज करने के साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप के आगामी दौरों की पुष्टि भी की है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप 25 से 29 जुलाई के बीच स्कॉटलैंड की यात्रा पर जाएंगे। इसके बाद वह 17 से 19 सितंबर के बीच ब्रिटेन का दौरा करेंगे, जहाँ प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप भी उनके साथ होंगी। ब्रिटेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ व्यापार समझौते को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता 30 जून को लागू हुआ है, जिसके तहत ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए अमेरिकी निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। इस समझौते से ब्रिटिश कार निर्माताओं को लाभ होगा और वे कम टैक्स दर पर अमेरिका में अपने वाहन बेच सकेंगे।
व्हाइट हाउस के इस स्पष्टीकरण के बाद यह साफ हो गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप का ध्यान फिलहाल यूरोपीय देशों के साथ संबंधों, विशेषकर ब्रिटेन के साथ व्यापारिक समझौतों को मजबूत करने पर केंद्रित है, न कि पाकिस्तान की यात्रा पर।